उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। वहीं, आम आदमी पार्टी भी जोर आजमाइश कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि ‘आप’ के प्रत्याशी भाजपा-कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के वोट बैंक को जरूर बिगाड़ेंगे। चुनावी सभाओं/रैलियों पर रोक के बावजूद भाजपा, कांग्रेस और आप के उम्मीदवार वर्चुअल सभाओं से वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सर्वे ने भाजपा व कांग्रेस की चिता बढ़ा दी है। सर्वे ने अनुसार भाजपा-कांग्रेस को बराबर सीटें मिल रहीं है यानी फिफ्टी-फिफ्टी, तो ऐसे में सरकार किसकी बनेगी, इसको लेकर नेताओं के माथे पर बल पड़ गए हैं।
इंडिया टीवी के ओपिनियन पोल के अनुसार राज्य के पहाड़ी जिलों में कांग्रेस आसानी से बढ़त बना लेगी। जबकि, मैदानी जिलों में कांग्रेस को भाजपा से अच्छी टक्कर मिलेगी। उत्तराखंड के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों में भाजपा को बढ़त मिलने की बात सर्वे में आ रही है।
सर्वे के नतीजों की मानें तो गढ़वाल मंडल के मैदानी इलाकों में भाजपा आसानी से 10-12 सीटें जीत सकती है। जबकि, कांग्रेस के हाथ सिर्फ 9-11 सीटें ही आएंगी। कुमाऊं जिले में भी भाजपा को बढ़त मिलेगी। लेकिन, भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होगी। 70 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा को 33-35 सीटें मिल सकती है तो कांग्रेस के लिए भी 33-35 सीट का अनुमान लगाया गया है। ऐसे भाजपा जो एकतरफा सरकार बनने की आस लगा रही थी, उसे झटका लग सकता है।
आम आदमी पार्टी के अरमानों पर फिर झाड़ू फिरता दिख रहा है। आप को यहां 0-1 सीटें ही मिलने का अनुमान है तो अन्य के खाते में 0-2 सीटें जा सकती हैं। बसपा/सपा का यहां खाता खुलता नहीं दिख रहा है। उत्तराखंड को पांच साल के कार्यकाल में तीन-तीन मुख्यमंत्री देने वाली भाजपा क्या दोबारा सत्ता में आएगी? या फिर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की तिगड़ी की बदौलत कांग्रेस उत्तराखंड में सरकार बनाएगी। इन सभी राजनैतिक सवालों के जवाब आखिरकार 10 मार्च को मतगणना के बाद मिल ही जाएगा।
भाजपा के मुख्यमंत्री होंगे पुष्कर सिंह धामी
भाजपा में फिलहाल मुख्यमंत्री के रूप में वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही सबसे आगे हैं। जुलाई 2021 में वर्तमान सरकार के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद धामी ने लगातार प्रदेश के दौरे पर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा समेत सभी नेता धामी को भविष्य बता चुके हैं। इससे माना जा रहा है कि भाजपा में फिलहाल धामी ही मुख्यमंत्री को चेहरा हो सकते हैं। हालांकि, पार्टी में मुख्यमंत्री के कई दावेदार हैं, इनमें पूर्व सीएम डा. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज शामिल हैं।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हरीश रावत, प्रीतम, आर्य, गोदियाल भी
कांग्रेस में चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ही भावी मुख्यमंत्री की दौड़ में है। दोनों के समर्थकों का मानना है कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर इनमें ही एक व्यक्ति मुख्यमंत्री बनेगा। इन सबके बीच जिस प्रकार दलित मुख्यमंत्री की बात कांग्रेस में आती रही है। उससे यशपाल आर्य का नाम भी इस दौड़ में शामिल हो जाता है। इधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के समर्थक उन्हें छुपे रूस्तम की तरह देख रहे हैं। सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री के पद के शीर्ष नेताओं में संघर्ष होने पर गोदियाल भी बाजी मार सकते हैं।
आप के घोषित मुख्यमंत्री हैं कर्नल कोठियाल
प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों में केवल आप ही ऐसा दल है, जिसने मुख्यमंत्री को लेकर कोई असंमजस नहीं रखा है। आप ने काफी पहले ही कर्नल अजय कोठियाल (रि) को अपना मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद उत्तराखंड आकर उनके नाम का ऐलान किया।