उत्तराखंडराजनीति

इस बार बदला हुआ होगा मंत्रीमंडल का चेहरा

गंगोत्री से जिस पार्टी का विधायक बना उसी पार्टी की सरकार बनी लेकिन नहीं मिल पाया मंत्रीपद।

देहरादून। इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा भले ही कोई भी हो लेकिन यह तय है कि नये मंत्रीमंडल में कई चेहरे बदले हुए होंगे। भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार में तीन मुख्यमंत्रियों के चहरे बदलने के बावजूद मंत्री मंडल में ज्यादा फेर बदल नहीं किया गया था लेकिन इस बार माना जा रहा है कि कुछ वरिष्ठ मंत्रिओं को भी दायित्वमुक्त किया जायेगा, उनके स्थान पर नये और ऊर्जावान चेहरों को तरजीह दी जा सकती है। टिहरी देहरादून और उत्तराकाशी जिले की बात करें तो यहां से किशोर उपाध्याय, सुरेश चौहान, मुन्ना सिंह चौहान एवं बृजभूषण गैरोला को मंत्री का ताज पहनाया जा सकता है। गंगोत्री के लोगों का तो यहां तक कहना है कि हमने हमेशा एसे प्रत्याशी को जिताया है जिसकी प्रदेश में सरकार बनी है।

बावजूद इसके उत्तराखंड बनने के बाद गंगोत्री को मंत्रीपद हासिल नहीं हो सका जबकी उत्तरप्रदेश के दौरान यहां से ठाकुर कृष्ण सिंह परमार, बलदेव सिंह आर्य एवं बर्फियलाल जुंवाठा मंत्री रहें हैं। उत्तराखंड बनने के बाद अंतरिम सरकार में तत्कालीन विधायक ज्ञानचंद मंत्री रहे उसके बाद 20 वर्ष का समय गुजर गया यहां से कोई मंत्री नहीं बना जबकी गंगोत्री क्षेत्र से दो बार कांग्रेस के विजयपाल विधायक रहे और प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार बनी। गोपाल रावत भी दो बार विधायक रहे और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी अब सुरेश चौहान भाजपा से विधायक बनें हैं और सरकार भी भाजपा की ही बनी है एसे में लोगों की निगह है कि जिस पार्टी के विधायक को वह जिताते हैं जब सरकार उसी पार्टी की बनती है तो क्या वह पार्टी गंगोत्री को मंत्री पद से नवाज कर उपकृत करेगी या नहीं।

डोइवाला का इतिहास रहा है कि वहां से जीतने वाला विधायक मंत्री रहें हैं। न केवल मंत्री बल्की मुख्यमंत्री भी रहें हैं चाहे वह डा0 रमेश पोखरियाल निशंक रहें हों या त्रिवेद्र रावत। अब इस सीट से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं तेज-तर्रार नेता बृजभूषण गैरोला विधायक हैं। उनका टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जैसे जिलों में भी व्यापक आधार है। वह स्वतंत्रता सैनानी परिवार से भी जुड़े हैं। एसे में माना जा रहा है कि उन्हें भी मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।

विकासनगर से एक बार फिर मुन्ना सिंह चौहान ने बाजी मारी है उन्हें बुद्धिजीवी एवं प्रखर वक्ता माना जाता है लेकिन अबतक उन्हें कभी मंत्री नहीं बनाया गया। कयास लगाये जा रहें हैं कि उनके लंबे संसदीय कार्य अनुभव को देखते हुए उन्हें भी शायद मंत्री पद दिया जा सकता है। दूसरी ओर माना जा रहा है कि कांग्रेस से भाजपा में आये किशोर उपाध्याय को भी मंत्री बनाया जा सकता है उनके भाजपा के बड़े नेताओं से सीधे संबंध हैं वह अपने सौम्य स्वभाव के लिय भी जाने जाते हैं। अगर टिहरी जिले में मंत्रीपद को लेकर फेरबदल हुआ तो किशोर उपाध्याय के हाथों भी बाजी लग सकती है।

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