उत्तराखंडसामाजिक

सड़क के लिए तरसता टिहरी का यह गांव

डंडी कंडी पर ले जाने पड़ते हैं बीमार को अस्पताल

 

घनसाली टिहरी। जहां एक तरफ प्रदेश बीजेपी सरकार तमाम दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क पहुंचाने की बात कर रही है, वहीं टिहरी जनपद का नौली गांव आज भी सड़क के लिए तरस रहा है । गांव में जब कोई बीमार हो जाता है तो उसे डंडी कंडी के सहारे सड़क मार्ग तक ले जाया जाता है।
रास्ते भी इतने खतरनाक हैं कि आप देखते ही डर जाएंगे। वहीं आपको बता दें नौली गांव घनसाली विधानसभा क्षेत्र में आता है जो आज भी विकास से कोसों दूर है।

नौली गांव के कुछ प्रवासी लोगों ने सरकार तक अपनी समस्या को अवगत कराते हुए कहा कि विधायक शक्ति लाल शाह घनसाली विधानसभा के सभी गांवों को सड़क से जोड़ चुके हैं लेकिन हमारे गांव की और ध्यान नहीं दे रहे हैं। हमने क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह को इस संबंध में कई बार पत्राचार और दूरसंचार के माध्यम से अवगत भी कराया है लेकिन क्षेत्रीय विधायक इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं।

वहीं इस संबंध में पूर्व विधायक भीमलाल आर्य का कहना है कि मैने अपने कार्यमें नौली को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए शासन से इस सड़क का प्रथम जीओ जारी करवा दिया था जिसके लिए 27 लाख रुपए स्वीकृत कर दिए थे लेकिन आज केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार होने के वावजूद भी वर्तमान विधायक यहां सड़क नहीं पहुंचा सके ।

वहीं इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह का कहना है कि हमारी सरकार निरंतर क्षेत्र के विकास के लिए सजग है, विधायक शक्ति लाल ने कहा कि मैने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी यहां पर कई बार सर्वे के लिए भेजा हे लेकिन गांव के लोग सर्वे करवाने में विभाग का साथ नहीं दे रहे हैं जिस कारण नौली में रोड़ नहीं पहुंच पाई … लेकिन अब बहुत जल्द केमर का नौली गांव और बासर पट्टी का नैक्वाड़ा गांव सड़क से जुड़ जाएगा। विधायक शक्ति लाल शाह ने कहा कि घनसाली विधानसभा में में लगभग 98 प्रतिशत गांव सड़क से जुड़ चुके हैं …. अगर कोई गांव छूटें है तो उनको भी अतिशीघ्र सड़क से जोड़ा जाएगा।

वहीं अस्थाई खंड लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता दिनेश चंद्र नौटियाल से जब इस संबंध में जानकारी ली तो उनका कहना है इस मार्ग अब तीनों गांव नौली, चिल्यालगांव और किरेथ के लोगों की सहमति अब प्राप्त हो चुकी है … जल्द ही इस मार्ग के लिए भू वैज्ञानिक की टीम सर्वे करने के लिए आ जाएगी । उसके तुरंत बाद वन विभाग को भेजा जाएगा। अधिशासी अभियंता दिनेश चंद्र ने कहा कि इस मार्ग का प्रथम चरण का कार्य 2016 में स्वीकृत है लेकिन गांव वालों की आपसी सहमति ना बनने से इस मार्ग का कार्य शुरू नहीं पाया ।

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