लालकुआँ से 13 फरवरी, चुनाव-प्रचार के आखिरी दिन हरीश रावत ने गंगा को बाजार बनाने तथा गंगाजल को बेचने की कोशिश करने वालों की जमानत जब्त कराने का आह्वान उत्तराखण्ड के मतदाताओं से किया है । अपने मुख्य प्रमुख सलाहकार न्यायविद् श्री चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय के साथ गहन् विचार-विमर्श के पश्चात श्री रावत ने लालकुआँ से यह बयान जारी किया है । उन्होंने कहा कि श्री उपाध्याय द्वारा जो कागजात मुझे दिखाये गये हैं उनका अध्ययन करने के पश्चात भाजपा को माॅ गंगा और गंगाजल पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा ने शराब-सिंडीकेट से बड़ा लेनदेन कर पावर-प्रोजेक्ट आवंटन घोटाला किया,उस शराब-सिंडीकेट की गंगा की धारा को अवरुद्ध कर अनगिनत टर्नरस बनाने की योजना थी, ताकि वह तमाम पावर-प्रोजेक्ट बनाकर बेहिसाब बिजली बनाये और अन्य राज्यों को औने-पौने दामों में उस बिजली को बेचकर मोटा मुनाफा कमा सके ,भाजपा ने गंगा को बाजार बनाने की कोशिश कर असंख्यों भारतीतों की गंगा के प्रति आस्था एवम् विश्वास को आहत् किया । अपने बयान में श्री रावत ने कहा कि CITURZIA जमीन-घोटाले में भाजपा की योजना उस बीमार-फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने की नहीं थी बल्कि CITURZIA के मालिक से बहुत बड़ी रकम वसूलकर भाजपा गंगा को ‘लीज’ पर देने जा रही थी उसके मालिक को भाजपा ने गंगाजल को बोटल्स में भरकर बेचने का भरोसा दिलाया था, उसे अपना पेटेंट करने की सहूलियत् भी भाजपा प्रदान कर देती यदि इस मामले में अदालती हस्तक्षेप न होता,दोनों मामलों में श्री उपाध्याय ने ही भाजपा सरकार से ROLL-BACK कराकर राज्य को एक बड़े भ्रष्टाचार से बचाया था एवम् गंगा के स्वाभिमान एवम् सम्मान की रक्षा की थी । श्री रावत ने कहा है कि भाजपा ने राज्य-गठन के पश्चात हुए दोनों कुम्भों ने बड़े घोटाले किये हैं, 2011के कुम्भ मेले की कैग की जांच में बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया गया है, श्री उपाध्याय ने जो अभिलेखीय-साक्ष्य मुझे दिखाये हैं वह इस बात की पुष्टि करते हैं, बिना-निर्माण कार्य किये,भाजपा ने करोड़ों रुपये हड़प लिये, जो काय॔ स्वीकृत नहीं थे,उनके नाम भी भाजपा ने अमानत में भारी खयानत की है । कैग की जांच में साफ कहा गया है कि कुंभ में बड़ा भ्रष्टाचार कर करोड़ों हिन्दुओं की आस्था एवम् विश्वास को चोट पहुंचाया गया है । इसी प्रकार 2021 के कुंभ में ‘कोविड-टेस्टिंग घोटाले में भाजपा और उसके नेताओं की भागीदारी साबित हुई है, भ्रष्टाचार का वह पैसा किसकी जेब में गया, कांग्रेस-सरकार इसकी भी जांच करायेगी, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री की भूमिका सिर्फ ‘डिलीवरी-बाॅय’ की थी या उन्हें भी ट्रांसपोरटेशन का कुछ मिला? श्री रावत ने कहा कि 2011 के कुंभ-घोटाले का मामला अदालत तक गया था, अदालत ने उस पर संज्ञान भी लिया था लेकिन तकनीकी-त्रुटि के आधार पर मामला दबा दिया गया आज भी भाजपा के गंगा के नाम पर किये गये भ्रष्टाचार के ‘ कन्टेन्टस ‘ जिन्दा हैं, कुम्भ-घोटाला 2011 गुण-दोष के आधार पर निस्तारित किया जाना बाकी है । श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड गंगा का उद्भव्-प्रदेश है, गंगा अपने उद्गम-स्थल से मूल-स्वाभाव में हरिद्वार तक पहुँचे, भाजपा ने करोड़ों भारतीयों की इस भावना का मखौल उड़ाया 14 फरवरी 2022 गंगा एवम् गंगाजल की मार्केटिंग करने वालों को कड़ा सबक सिखाने की तारीख बने ऐसी विनम्र अपील, मैं उत्तराखण्ड के सम्मानित एवम् सुधि-मतदाताओं से करना चाहता हूँ
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