प्रेस विज्ञप्ति
ड्रोन के जरिए सीएचसी हिंडोलाखाल पहुंचाई टीबी की दवा
एम्स की ड्रोन स्वास्थ्य सेवा का दूसरा परीक्षण भी रहा सफल
-आपातकाल के लिए जल्द कराई जाएगी पहाड़ के स्वास्थ्य संस्थाओं, दुर्गम इलाकों की ड्रोन मैपिंग
कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह के कुशल मार्गदर्शन में एम्स, ऋषिकेश द्वारा ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से किया जा रहा ड्रोन ट्रायल शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। परीक्षण के तहत शुक्रवार को एम्स ऋषिकेश से टिहरी जिले के सीएचसी, हिंडोलाखाल देवप्रयाग में ड्रोन के जरिए टीबी की दवाएं भेजी गई।
शुक्रवार को एम्स हेलीपैड से पूर्वाह्न 11.30 बजे कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने ड्रोन सेवा को रवाना किया । फ्लाइट 34 मिनट में 47 किलोमीटर की दूरी तय कर दोपहर 12.17 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हिंडोलाखाल देवप्रयाग टिहरी गढ़वाल पहुंची। इस मौके पर सीएचसी में नमो ड्रोन दीदी ने भी प्रतिभाग किया। बताया गया कि एरियल डिस्टेंस के लिहाज से आज की ड्रोन फ्लाइट ने अब तक की सबसे लंबी दूरी तय की।
एम्स की ड्रोन हेल्थ सर्विसेस के नोडल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र गैरोला ने बताया कि एम्स ऋषिकेश राज्य, केंद्र सरकार व संस्थान की टेलीमेडिसिन सेवा के सहयोग से ड्रोन आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इमरजेंसी मेडिसिन, रक्त संबंधी जरुरतों को पूरा करने, चारधाम यात्रा के समय आपात स्थितियों व हाई एल्टिट्यूड मेडिसिन पहुंचाने के लिए सीएचसी सेंटर,जिला अस्पतालों व अन्य दुर्गम क्षेत्रों की मैपिंग योजना पर कार्य कर रहा है ।