देहरादून । दून विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने बताया कि इस महोत्सव का उद्देश्य विधार्थियों के मध्य रचनात्मकता, संस्कृति, शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना था। यह उत्सव प्रतिस्पर्धा की एक स्वस्थ भावना पर आयोजित किया जाता है इसमें प्रतिभाग करने से विद्यार्थी अपनी छिपी प्रतिभा को निखारते है और साथ ही इस तरह के कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों से अपने समकक्षों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान होता है। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान संगीत, नृत्य, नाटक, रंगमंच और ललित कला जैसी विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन जम्मू विश्वविद्यालय में किया गया। कुलपति ने बताया कि इस महोत्सव में पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड सहित लगभग 1500 छात्रों, शिक्षकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया है। इस अंतर्नाद में 26 प्रतियोगिताएं आयोजित की जिसमें सांस्कृतिक शोभायात्रा, लोक ऑर्केस्ट्रा, शास्त्रीय नृत्य, चित्रकारी,पश्चिमी एकल, शास्त्रीय वाद्य, रंगोली, पश्चिमी वाद्य यंत्र शास्त्रीय वाद्य यंत्र,कार्टून, वन एक्ट प्ले, फोटोग्राफी, शास्त्रीय संगीत , पोस्टर ,मेहँदी, क्ले मॉडलिं , लोक नृत्य
समूह गीत भारतीय, इंस्टालेशन शामिल थी।
इस अंतर- वि वि नार्थ जोन प्रतियोगिता में लगभग 18 विश्वविद्यालय के दलों ने भाग लिया। लगभग आधे विश्वविद्यालय अपना किसी भी प्रतियोगिता में खाता भी नहीं खोल पाए। वही दूसरी ओर उत्तराखंड से दून विश्वविद्यालय ने तीन प्रतियोगिताएं में स्थान बनाने में सफल रहा। अर्थशास्त्र विषय की छात्रा उन्नति बडोनी ने शास्त्रीय नृत्य में द्वितीय स्थान प्राप्त किया और माइम में दून विश्वविद्यालय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया जिसमें सिद्धार्थ डंगवाल, कनिष्का, सार्दुल, यश, प्रखर, उज्जवल छात्र शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त नृत्य में द्वितीय रनरअप दून विश्वविद्यालय रहा। दून विश्वविद्यालय के जिन छात्रों का चयन राष्ट्रीय स्तर के हुआ है उनकी प्रतियोगिता फरवरी के अंतिम सप्ताह में बैंगलोर में होगी। यह विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कुलपति प्रो डंगवाल ने कहा कि दून विश्वविद्यालय के छात्रों ने 18 यूनिवर्सिटी में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करके पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है । निश्चित रूप से इस के परिणाम छात्रों के लिए संजीवनी रूपी प्रेरणा का कार्य करेगी जिसके सुखद दूरगामी परिणाम होंगे। इस आयोजन के लिए दून विश्वविद्यालय के विद्यार्थी लंबे समय से अभ्यास कर रहे थे। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए यह आवश्यक है कि वे सह- शैक्षणिक गतिविधियों में भी प्रतिभाग करें ताकि व्यक्तित्व का समग्र विकास हो सके और आने वाले समय में जिम्मेदार नागरिक के रूप में समाज की सेवा कर सकें।
दून विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एम एस मन्द्रवाल ने बताया की दून विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वह शिक्षा के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा से साक्षात्कार करते हैं। दून विश्वविद्यालय में स्थापित थिएटर डिपार्टमेंट के शिक्षक इन प्रतियोगिताओं की तैयारी में पूर्ण रूप से समर्पित रहे।
दून विश्वविद्यालय के इस कार्यक्रम में सम्मिलित टीम के साथ थिएटर डिपार्टमेंट के डॉ अजीत पवार और डॉ सोनू कौर ने मैनेजर के तौर पर प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम की मुख्य समन्वयक डॉ चेतना पोखरियाल, डॉ राजेश भट्ट और राकेश भट्ट ने विद्यार्थियों की उपलब्धि में हर्ष प्रकट किया।