उत्तराखंड

अंकिता हत्याकांड पर कोटद्वार न्यायालय के फैसले का उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने किया स्वागत, लेकिन सरकार की भूमिका पर उठाए गंभीर सवाल

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) ने अंकिता हत्याकांड में कोटद्वार की अपर सत्र न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिलना न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन इस फैसले के बावजूद उत्तराखंड और देश की जनता के मन में यह अफसोस बना रहेगा कि भाजपा सरकार ने वीआईपी अपराधियों—जिन्हें अंकिता से कथित “विशेष सेवा” की मांग थी—को न्याय के कठघरे में खड़ा करने की तमाम जन आवाज़ों को सिरे से खारिज कर दिया।

उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार और जघन्य अपराधों ने राज्य को शर्मसार किया है। लेकिन उससे भी अधिक शर्मनाक और निराशाजनक सरकार का रवैया रहा, जिसने सत्ता से जुड़े प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए पुलिस तंत्र से लेकर न्यायपालिका तक दबाव बनाने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सबूत मिटाने के लिए स्थानीय विधायक के संरक्षण में बुलडोजर चलवाया गया और मुख्य दोषियों को बचाने की हरसंभव कोशिश की गई।

उपपा का मानना है कि इस फैसले से केवल आंशिक न्याय मिला है, और उत्तराखंड की जनता के साथ-साथ देश की महिलाओं को यह कड़वा घूंट पीना पड़ेगा कि इस मामले के मुख्य साजिशकर्ताओं को राजनीतिक संरक्षण के चलते बचा लिया गया। पार्टी ने आशा व्यक्त की है कि उत्तराखंड की जागरूक जनता भविष्य में ऐसे दोहरे चरित्र वाले नेताओं को लोकतांत्रिक तरीके से जरूर सज़ा देगी।

उपपा ने यह भी कहा कि यह फैसला जनता के निरंतर संघर्ष और एकजुटता का परिणाम है। लेकिन यह लड़ाई यहीं खत्म नहीं होती—उत्तराखंड की जनता को महिलाओं के सम्मान और न्याय के लिए अपना संघर्ष जारी रखना होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button