डा अतुल शर्मा
देवभूमि मे लेखक तो बहुत है फर कोई सैन्टरल लाइब्रेरी नही है । जैसी मुझे जानकारी मिली है ।
पाठको के लिये पुस्तकालय और वाचनालय जरुरी है । वैसे जिला स्तर शिक्षा विभाग द्वारा लाइब्रेरी है ।उत्तराखंड की कोई सैन्टरल लाइब्रेरी नही होना आश्चर्य मे डालता रहा है ।ऐसा क्यो? रह सवाल है ।
देहरादून मे खुशी राम लाइब्रेरी और दून पुस्कालय व शोध केन्द्र जरुर बखूबी कार्य कर रहा है ।अन्य भी हैं । सभी कार्यालयो विश्व विद्यालय मे और कालेजो मे पुस्तकालय हैं ।जहां साहित्य और विभिन्न विषयों की किताबे है ।
उत्तराखंड मे ग्राफिक एरा फोरेस्टरिसर्च इन्टीट्यूट उत्तराखंड तकनीकी विश्व विद्यालय डी आई टी यूनिवर्सिटी हेमवती बहुगुणा गढवाल विश्व विद्यालय उत्रांचल विश्व विद्यालय देवभूमि विश्व विद्यालय गुरु कुल कांगडी़ विश्व विद्यालय कुमाऊ विश्व विद्यालय गोविंदबल्लभ पंत तकनीकी विश्व विद्यालय भारतीय आयुर्वेदिक संसाथान पेट्रोलियम भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आई आर डी आदि बहुत संसाधनों और विश्व विद्यालयो मे अच्छी लाइब्रेरी है ।वही ब्रेल लाइब्रेरी भी है ।
सार्वजनिक पुस्तकालय की जरुरत आज भी सबसे आधिक है क्योकि वहा बहुत से जनसामान्य लोग उपस्थित हो सकते है ।ज्ञान वर्धन और शोध कार्य सुलभ हो सकता है ।देहरादून के अतिरिक्त मसूरी मे तितक लाइब्रेरी बहुत पुराने समय से कुल्डी़ मे है । वहां लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी लाइब्रेरी है ।टिहरी मे भी प्रतिष्ठित लाइब्रेरी रही है । इसी तरह नैनीताल अल्मोड़ा आदि सभी जगह लाइब्रेरी है ।