उत्तराखंडशिक्षा

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के आदर्शों को किया याद

वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली औध्यानिकी महाविद्यालय भरसार में दी गई विनम्र श्रधांजलि।

 

पौड़ी। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी महाविद्यालय भरसार में चंद्र सिंह गढ़वाली जी के आदर्शों और देश के लिए आजादी से पूर्व तथा आजादी के बाद उनके कार्यों को याद किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत माननीय अधिष्ठाता महोदय प्रोफेसर बी.पी.नौटियाल जी के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया, गढ़वाली जी की पुण्य तिथी के उप्लक्ष में श्री उत्तम सिंह नेगी जी पुलिस अधीक्षक देहरादून मुख्य अतिथि के रूप में उपिस्थत रहे, तथा उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि किसी विश्वविद्यालय के लिए कितने गौरव का विषय होता है की विश्वविद्यालय का नाम भारत के ऐसे वीर स्वतंत्रता संग्रामीयों के नाम से होना, तत्पश्चात माननीय अधिष्ठाता महोदय द्वारा महात्मा गांधी की एक उक्ति को याद किया गया कि महात्मा गांधी जी ने कहा था अगर मुझे ऐसे एक गढ़वाली और चन्द्र सिंह जैसा मिल जाता तो मैं भारत देश को कब का आजाद कर देता, महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ एस सी पंत के द्वारा विद्यार्थियों को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के उत्तराखंड बनाने की दूरदृष्टिता के बारे में बताया ।

बमाया ेक गढ़वाली जी के पुण्यतिथि के कार्यक्रम मैं विश्वविद्यालय के डायरेक्टर रिसर्च डॉक्टर अमोल वशिष्ठ भी उपस्थित थे।पुण्यतिथि के इस कार्यक्रम में औद्यानिकी महाविद्यालय भरसार के प्राध्यापक डॉ संजीव वर्मा,डॉ गार्गी, डॉ ममता, डॉ के.सी, डॉ तेजस, डॉ सुरजीत, डॉ प्रिंसा, डॉ विजय, डॉ आनंद,डॉ राजेन्द्र, डॉ पंकज, शिखर, शीतल भोसले,श्वाती, ज्योत्सना, निधि, कर्मचारीगण एवम सभी छात्र उपस्थिति रहे।।

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