उत्तराखंड

विकास भवन परिसर में बहुउद्देश्यीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन

उत्तराकाशी – उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,नैनीताल के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उत्तरकाशी द्वारा विकास भवन परिसर में बहुउद्देश्यीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में आमजन को उनके विधिक अधिकारों,सरकारी योजनाओं एवं न्याय तक आसान पहुंच के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जिला जज गुरुबख्श सिंह बतौर मुख्य अतिथि एवं जिलाधिकारी प्रशान्त आर्य ने विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के सांस्कृतिक दल जन आस्था कला मंच एवं राइंका मातली की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।

जिला जज ने सम्बोधित करते हुए कहा कि विधिक साक्षरता समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुँच सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि न्यायिक व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए संसाधनों की उपलब्धता और उनके समुचित उपयोग की जानकारी यह मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में नागरिकों को केवल अधिकार ही नहीं दिए गए हैं,बल्कि उनके साथ कर्तव्य और दायित्व भी जोड़े गए हैं, जिनका जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन हर नागरिक को करना चाहिए। स्थानीय संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए जिला जज ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां और पारंपरिक परिधान हमें ज्ञान प्रदान करते हैं तथा हमारी संस्कृति की पवित्रता और कोमलता को प्रदर्शित करते हैं। यह समाज को जोड़ने और संस्कारों को मजबूत करने का माध्यम है। जिला जज ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि न्यायालयों में पारिवारिक विघटन के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। पारिवारिक टकराव और आपसी संवाद की कमी के कारण ऐसे मामले बढ़ रहे हैं,जो समाज के लिए गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं। जिला जज ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों और दायित्वों का पूरी निष्ठा से पालन करें। परिवार को संभालना और उसे एकजुट रखना भी राष्ट्र सेवा का महत्वपूर्ण रूप है। जो व्यक्ति अपने परिवार को जोड़कर रखता है,वह भी एक देश सेवा है।

जिलाधिकारी प्रशान्त आर्य ने कहा कि इस प्रकार के शिविर आम नागरिकों को सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और उनके कानूनी अधिकारों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे आयोजनों के माध्यम से आमजन को न केवल जानकारी मिलती है, बल्कि उनकी समस्याओं के समाधान का मार्ग भी प्रशस्त होता है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि लोग इन शिविरों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभागों से संपर्क करें। जिलाधिकारी ने कहा कि गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए लोक अदालत एक अत्यंत महत्वपूर्ण साधन है। लोक अदालतों में आपसी सुलह-समझौते के आधार पर मामलों का त्वरित और सरल तरीके से निस्तारण किया जाता है, जिससे समय और धन दोनों की बचत होती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत न केवल न्याय को सुलभ बनाती है,बल्कि समाज में सौहार्द और आपसी विश्वास को भी बढ़ावा देती है।

सचिव/सिविल जज (एसडी) जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिन कुमार ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायपालिका की एक महत्वपूर्ण इकाई है,जिसका मुख्य उद्देश्य समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक न्याय को सुलभ,सरल और निःशुल्क रूप से पहुँचाना है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विशेष रूप से उन लोगों के लिए कार्य करता है,जो आर्थिक,सामाजिक या शैक्षणिक कारणों से न्याय प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के लिए प्राधिकरण निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराता है। सचिव ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ लोक अदालतों का आयोजन,कानूनी जागरूकता शिविरों का संचालन,पैरालीगल वॉलंटियर्स की तैनाती,पीड़ित प्रतिकर (क्षतिपूर्ति) योजना का क्रियान्वयन,कमजोर वर्गों का संरक्षण तथा न्यायिक प्रक्रिया को सरल और मानव-केंद्रित बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। सचिव ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सेवाओं का लाभ उठाएं और न्याय प्राप्ति की दिशा में जागरूक बनें।

शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाए गए और लोगों को विधिक परामर्श,सरकारी योजनाओं,सामाजिक सुरक्षा,महिला सशक्तिकरण,बाल संरक्षण एवं श्रमिक कानूनों से संबंधित जानकारी दी गई। इस दौरान मुख्य अतिथि जिला जज एवं जिलाधिकारी ने स्टालों का निरीक्षण किया। तथा सरकार की योजनाओं से आच्छादित लाभार्थियों को चेक,दिव्यांग उपकरण आदि वितरित किए। जिसमें लदाड़ी निवासी अंजू,सोनम,हरिकला,रोशनी,सोनम,शिवानी को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरित की गई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। गौरा देवी स्वयं सहायता समूह,न्याय पंचायत गाजणा को 15 लाख रुपये तथा प्रगति स्वयं सहायता समूह, न्याय पंचायत नाकुरी को 10 लाख रुपये एवं देवभूमि धनेश्वर स्वयं सहायता समूह, न्याय पंचायत पीपली को 10 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई। माँ चन्दोमती स्वयं सहायता समूह, कोटियाल गांव को 6 लाख रुपये का चेक वितरित किया गया।कृषक पुरस्कार योजना के अंतर्गत कमल सिंह,अमीन नेगी,पंकज गैरोला, जगदीश एवं इलम सिंह कैंतुरा को 10-10 लाख रुपये के चेक प्रदान किए गए। दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु किरण देवी,काल्की देवी,विनिता देवी,हरि प्रसाद,धर्म सिंह,निता देवी एवं राम सिंह को कान की मशीनें वितरित की गईं। वहीं सोहन लाल एवं रघुवीर को व्हीलचेयर प्रदान की गई। इस अवसर पर जिला जज ने विकास भवन परिसर में श्री राम वाटिका में अमरूद की पौध रोपित की।

मंच संचालन पर्यावरण विशेषज्ञ स्वजल प्रताप मटूड़ा,जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी ने किया।

इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभय सिंह,सिविल जज सीनियर डिवीजन जयश्रीराणा,न्याययिक मजिस्ट्रेट करिश्मा डंगवाल,डीएफओ डीपी बलूनी,एसडीएम देवानंद शर्मा,शालनी नेगी,सीएमओ बीएस रावत,परियोजना निदेशक अजय सिंह,मुख्य शिक्षाधिकारी अमित कोटियाल,अध्यक्ष जिला बार संघ महावीर प्रसाद भट्ट,उपाध्यक्ष जिला बार संघ पवन दत्त जोशी,पूर्व अध्यक्ष जिला बार संघ जेपी नोटियाल,सीओ जनक पंवार,सीएचओ डॉ.रजनीश सिंह,सीवीओ एचएस बिष्ट,सीएओ एसएस वर्मा,अधिवक्ता अरविंद सिंह चौहान सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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