अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्रदेश की 758 प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में हुए कंप्यूटर घोटाले में सहकारी समितियों और जिला सहकारी बैंकों के निदेशक अध्यक्षों की चुप्पी पर सवाल खड़े किए हैं।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि इन सहकारी संस्थानों में लाखों अंशधारकों के धन की इस डकैती पर प्रदेश सरकार की चुप्पी से साबित हो रहा है की प्रदेश सरकार इस घोटाले में शामिल है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने कहा कि प्रदेश के सहकारी विभाग में लंबे समय से अपने अपने कृपापात्रों को नौकरी पर रखने, सहकारी बैंकों के सॉफ्टवेयर बदलने की कवायत के पीछे बड़े भ्रष्टाचार की संभावना है। जिसे दबाने के लिए सरकार के जिम्मेदार लोग तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि बैंकों में पूर्व बड़े अधिकारियों द्वारा भी इसका विरोध किया गया है, पर विपक्ष के सभी नेताओं को सूचना देने के बाद विपक्षी दलों के बड़े नेता भी इस राज्य व्यापी करोड़ों के घोटाले पर चुप्पी साधे हुए हैं। उपपा ने तमाम प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के अधिकारियों से अपील की है कि वे अपनी – अपनी समितियों की खुली बैठक आयोजित कर इस मामले में अपनी राय सार्वजनिक करें,ताकि सहकारी संस्थाओं और उनको चलाने वालों की ईमानदारी पर संदेह न हो।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार सहकारी समितियों के इस घोटाले की जांच करने में विलम्ब करेगी तो पार्टी इसके खिलाफ जन अभियान तेज करेगी। ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार प्रदेश के सहकारी मंत्रियों और सरकार द्वारा प्रति पैक्स 5 लाख 60 हजार रुपए खर्च कर मात्र एक कम्प्यूटर उपलब्ध कराया है और इस तरह हर कॉपरेटिव सोसायटी में लाखों रुपए का घोटाला है। और पूरे प्रदेश में 35 – 40 करोड़ रूपए के इस राज्यव्यापी घोटाले को लेकर उपपा लगातार आंदोलन चला रही है।