ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में स्थापित यैलो फीवर टीकाकरण केंद्र (वाईवीएफ़सी) का संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी व संकायाध्यक्ष (शैक्षणिक) प्रो. मनोज गुप्ता ने संयुक्तरूप से शुभारंभ किया। इस अवसर पर सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के अन्य संकाय सदस्यों भी मौजूद रहे।
संस्थान द्वारा बताया गया है कि इस केंद्र की स्थापना से उत्तराखंड से क्षेत्र विशेष में यैलो फीवर वाले देशों की यात्रा करने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के समय और धन की बचत में सहायता मिलेगी। गौरतलब है कि अभी तक ऐसे देशों से यहां आने वाले यात्रियों को यैलो फीवर से बचाव हेतु टीकाकरण के लिए दिल्ली जाना पड़ता था।
यैलो फीवर वैक्सीनेशन सेंटर एम्स ऋषिकेश के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के द्वारा कक्ष संख्या- 04, ग्राउंड फ्लोर, ब्लॉक- सी में संचालित किया जाएगा। वैक्सीनेशन सेंटर में कार्य दिवस वाले प्रत्येक गुरुवार को सुबह 10:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक टीकाकरण किया जा सकेगा। संस्थान की ओर से टीकाकरण एवं प्रमाणपत्र प्राप्ति का शुल्क प्रतिव्यक्ति 300/- ( तीन सौ रूपए मात्र) निर्धारित किया गया है। वैक्सीनेशन कार्ड की वैधता टीकाकरण के दस दिन बाद शुरू होगी तथा जीवनपर्यंत वैध रहेगी।
बताया गया है कि दक्षिण अमेरिका तथा अफ्रीकी देशों के इच्छुक यात्री यैलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए एम्स ऋषिकेश की वेबसाइटपर अपना पंजीकरण करा कर अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। संबंधित व्यक्तियों को सुझाव दिया गया है कि सुविधाजनक तरीके से टीकाकरण के लिए वह अपॉइंटमेंट लेने से पहले दिए गए दिशा-निर्देशों को सावधानीपूर्वक अवश्य पालन सुनिश्चित कर लें,जिससे उन्हें बाद में किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।
केंद्र के उद्घाटन अवसर पर संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अश्वनी कुमार दलाल, सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना, प्रभारी संकाय (वाईवीएफ़सी) डॉ. स्मिता सिन्हा, एनएचएम,उत्तराखंड के प्रतिनिधि व स्टेट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ. कुलदीप मार्तोलिया, सहायक निदेशक आईटी हैल्थ डॉ. आशुतोष भारद्वाज आदि मौजूद थे।