उत्तराखंडराजनीति

असूज के महीने की सक्रांत का बेसब्री से इंतजार रहता है पहाड़ों के किसानों को : राकेश राणा

टिहरी । जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा एक ऐसे सामाजिक और राजनीतिक व्यक्ति हैं जोकि सामाजिक राजनीतिक सरोकारों के साथ-साथ अपने घर परिवार की जिम्मेदारी बखूबी निभाते हैं ।
जेठ के महीने की रोपाई हो या असुज के महीने की धान की कटाई और मडाई हो वह अपना पूरा समय इस काम पर भी देते हैं
 उन्होंने कहा की भादो के महीने की चिलचिलाती धूप के बाद असूज की संक्रांत का पहाड़ों की किसानों को बेसवरी से इंतजार रहता है संक्रांति यानी एक गते असूज के दिन से पहाड़ों के कई गांव में धान की कटाई और मडाई शुरू हो जाती है।
यूं तो पहाड़ों में ज्यादातर गांव में वहां के इष्ट आराध्या धान की कटाई और मंडई का दिन बार तय करते हैं कि कौन से तारीख और दिन को फसल की कटाई और मढ़ाई करनी है लेकिन विडंबना देखिए प्रकृति का चक्र कितना बिगड़ गया कि आज सात गते असूज हो गया है लेकिन पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। विगत 6 माह से खेतों में की हुई मेहनत हाथ नहीं आ पा रही है मेघराज देवता न जाने क्यों इतने रुष्ट हो रखे हैं। पहाड़ों में जेठ आषाढ़ के महीने की रोपाई और असूज के महीने की धान की कटाई और मंडई को एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है सभी लोग खूब मन लगाकर मेहनत करते हैं और अपने खेतों में काम करते हैं जिससे पहले लोग बाजार पर कम निर्भर हुआ करते थे बाजार से कुछ ही खाद्यान्न सामग्री लाते थे ज्यादातर गेहूं धान 12 प्रकार की दालें तिल तिलहन  धनसंपदा किसानों के खेतों में ही हो जाती थी लेकिन धीरे-धीरे ग्लोबल वार्मिंग की वजह से  मौसम का जो चक्र बिगड़ता जा रहा है उसकी वजह से किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है।
 खैर अभी भी किसान आस लगाए बैठे हैं कि जब एक-दो दिन में मौसम खुल जाए और किसान अपने खेतों में हुई फसल को काट छांट कर अपने घर तक पहुंचाएं।
यह एक चेतावनी मात्र है जिससे हम सब लोगों को समझना चाहिए कि प्रकृति के साथ बहुत ज्यादा नुकसान और छेड़ा छड़ी करना आने वाले समय के लिए एक बड़ी चुनौती होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button