हिमालय दिवस पर ग्रामीण समुदाय और स्कूली बच्चों ने लिया संरक्षण का संकल्प
उत्तरकाशी, 9 सितंबर 2025: विश्व विख्यात पर्यावरणविद् पद्म श्री व पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. अनिल प्रकाश जोशी जी की प्रेरणा से उत्तरकाशी जिले के डुंडा एवं भटवाड़ी क्षेत्र में हिमालय दिवस धूमधाम से मनाया गया।
श्री केदार जन विकास समिति डुंडा और लोक हितैषी मंच उत्तरकाशी के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अठाली में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएँ, स्कूली छात्र-छात्राएँ और स्थानीय लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता घराट श्रृंखला के संस्थापक एवं लोक हितैषी मंच उत्तरकाशी के अध्यक्ष विजयेश्वर प्रसाद डंगवाल ने कहा, “‘हम’ परिवार 2010 से लगातार हिमालय दिवस मना रहा है। हिमालय सबका है और इसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी हम सबकी है। प्रकृति हमें समान रूप से देती है, लेकिन हम हवा, मिट्टी और पानी को प्रदूषित कर रहे हैं, जिसके गंभीर परिणाम अब उत्तराखंड सहित पूरे उत्तर भारत में आपदाओं के रूप में दिख रहे हैं।” उन्होंने जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियर पिघलने और धराली जैसी आपदा, जो प्रकृति का कहर थी, से बढ़ते खतरों पर भी प्रकाश डाला।
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री भट्ट ने छात्रों को प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि भावी पीढ़ी को हिमालय के महत्व को समझना होगा। मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान अठाली ने सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएँ दीं और संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों पर जोर दिया।
कार्यक्रम में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य श्री राणा, अध्यापिका श्रीमती पयाल, जोशी मैडम और महिलामंडल दल की अध्यक्षा रोशनी राणा सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ उपस्थित रहीं। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने ग्रामीण स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाया।
हिमालय दिवस, जिसकी शुरुआत डॉ. अनिल जोशी जी के प्रयासों से हुई, हर साल 9 सितंबर को हिमालय के पारिस्थितिकी तंत्र, ग्लेशियर संरक्षण और आपदा प्रबंधन पर जागरूकता के लिए मनाया जाता है। यह आयोजन उत्तरकाशी जैसे संवेदनशील क्षेत्र में विशेष महत्व रखता है, जहाँ 05 अगस्त की धराली आपदा, जो प्रकृति का कहर थी, एक बड़ी त्रासदी के रूप में सामने आई। यमुना के साथ गंगा के उद्गम स्थल गोमुख भी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित रहा है और इन घटनाओं ने संरक्षण की आवश्यकता को और रेखांकित किया है।