गढ़वाली नाटक रुमेलो का मंचन

उत्तर नाट्य संस्थान एवं रंगमंच और लोक कला विभाग दून विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में विश्व रंगमंच दिवस (27 मार्च) के उपलक्ष्य में आयोजित सात दिवसीय नाट्य समारोह 27 मार्च से 02 अप्रैल 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। जिसमें दिनांक 1 अप्रैल, 2024 को रंगमंच और लोक कला विभाग दून विश्वविद्यालय शेक्सपियर के ओथेलो पर आधारित गढ़वाली नाटक रुमेलो का मंचन किया गया जिसका लेखन दिनेश बिजल्वाण और निर्देशन डॉ अजीत पँवार ने किया ।
नाटक का शुभआरंभ मुख्य अतिथि श्री नरेन्द्र सिंह नेगी और प्रो० सुरेखा डंगवाल, प्रो० एच० सी० पुरोहित, एस० पी० मंगाईं, रोशन धसमाना, टी० के० अग्रवाल ने दीप प्रज्वलन करके किया। मंच संचालन डॉ राकेश भट्ट ने किया।
नाटक
रुमेलो विलयम शेक्सपियर के नाटक ओथेलो पर आधारित गढ़वाली नाटक है । यह कथा रुमेलो नाम के एक बहादुर योद्धा के बारे में है जो बुलेठ गढ़ की सेवा करता है। नाटक की शुरुआत में, रुमेलो बुलेठ गढ़ के अमीर कलदार साह की बेटी रुकमा से शादी करता है। हालाँकि, ओथेलो की ख़ुशी अल्पकालिक है। बिघ्नी, एक खलनायक है जो रुमेलो से ईर्ष्या करता है, और उसको मारने की साजिश रचता है। बिघ्नी ओथेलो को यह विश्वास दिलाने में सफल होता कि रुकमा बेवफा है, जिसके कारण रुमेलो रुकमा की हत्या करता है और फिर खुद को मार लेता है। नाटक रुमेलो और रुकमा दोनों की मृत्यु और उनके विवाह के विनाश के साथ समाप्त होता है।
मुख्य भूमिकाओं में सृजन डंगवाल – रुमेलो, साक्षी देवरानी- रुकमा, सृजन जोशी- बिघ्नी, अनन्य डोभाल- जोत्रा, अंशुमन –मायालू, आयूष चौहान – बिच्छा. सिद्धार्थ डंगवाल- राजा, कनिष्का उनियाल – अलका, संध्या- जलका, संयम बिष्ट- सुनार/ कहार/ सिपाही/ पंडित, सुमन बिष्ट- दुकानदार/ ग्रामीण, रजनी शर्मा- दुकानदार/ ग्रामीण, राजदीप राणा- कलदारसाह/ कहार, अथर्व गैरोला- दुकानदार/ सैनिक, पंकज सिंह – दीवान/राजकर्मचारी, लोहित्य सिंह -सैनिक/ किसान, नर्तक- साक्षी, अक्षिता, नंदिनी, , दीक्षा, अर्पिता, सुहानी, प्रियांशु, ईशान आदि ने भूमिकाएं निभाई।
इस अवसर पर डॉ मंगल सिंह मन्द्रवाल ( कुलसचिव दून विश्वविद्यालय) प्रो० चेनता पोखरियाल, कैलाश कंडवाल, प्रो० एस० मंगाईं, श्रीश डोभाल, डॉ सुवर्ण रावत, डॉ राजेश भट्ट, सुभाष रावत आदि उपस्थित थे।