हल्द्वानी। विधानसभाचुनाव नजदीक आते ही अब नेता ओर कार्यकर्ता एक दल से दूसरे दल में छलांग मारने लगे हैं। इस मामले में भाजपा की स्थिति सबसे पतली होते दिख रही है। करीब साढ़े चार साल से सत्ता सुख भोग रही भाजपा के लोगों में हार का अंदेशा घर करने लगा है। ऐसे मेंभाजपा के कार्यकर्ता दूसरे दलों में अपना सुरक्षा ठिकाना ढ़ूढ रहे हैं। कांग्रेस केसामने ऐसी स्थिति इसलिए नहीं है क्यांकि कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में जाने वाले पहले ही पार्टी छोड़चुके हैं। आमआदमी पार्टी नईहोने के कारण उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जबकि यूकेडी,सपा और बसपा को जो खोना था,वह पहले ही खो चुके हैं। ताजा मामला हल्द्वानी से आया है। जहां भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी को छाड़ दिया है और अब वह कई बड़े नेताओं को कटघरे में खड़ा कररहे हैं। पार्टी छोडने के बाद ऐसा स्वाभाविक रूप से होता है। लेकिन इससे यह संकेतजरूर मिलता है कि भाजपा के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
इस्तीफा देने के बाद भाजपा हल्द्वानी उत्तरी मंडल अध्यक्ष नवीन पंत ने जिस तरह कई बड़े चेहरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वह भाजपा के लिए २०२२ के लिए नुकसान दायी हो सकता है। बता दें कि नवीन पंत ने पार्टी के कई चेहरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हहोंने पार्टी का कार्यकर्ताओं को कर्मचारी बनाकर छोड़ा है। आरोप लगाते हुए कहा कि उनका इस्तीफा देने का कारण मेयर जोगेंद्र रौतेला, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट और जिला महामंत्री प्रदीप जनौटी है।
नवीन पंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष ने उनकी शिकायत का संज्ञान नहीं लिया। जिला महामंत्री खुद को जिला अध्यक्ष समझते हैं। नवीन पंत ने मेयर जोगेंद्र रौतेला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो मंडल में गुपचुप बैठक करते हैं। महिला मोर्चा अध्यक्ष दीप्ति चुफाल ने भी कई गंभीर आरोप पार्टी के कई बड़े चेहरों पर लगाया है। कहा कि जिला महामंत्री प्रदीप जनौटी पर चाय पर चर्चा के नाम पर अभद्रता करते हैं जो सहनीय नहीं है। नवीन पंत ने कहा कि जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट को संगठन की चिंता नहीं है बल्कि वो खुद विधानसभा चुनाव में व्यस्त है।
आपको बता दें कि बीते दिनों नवीन पंते के साथ दो अन्य पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा था। साथ ही महिला पदाधिकारी दिप्ति चुफान समेत एक और महिला पदाधिकारी ने पद से इस्तीफा दिया था।