उत्तराखंडराजनीति

गणेश गोदियाल पर लगाए हुए आरोप निराधार

मीडिया के माध्यम से बद्रीनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल जी पर जो आरोप मंदिर समिति के सदस्य ने लगाए हैं वह पूर्ण रूप से निराधार हैं, राजनीति से प्रेरित हैं, तथ्य एवं आधारहीन हैं। हम टिहरी के लोग गणेश गोदियाल जी के आभारी हैं कि उन्होंने टिहरी की पहचान गणेश प्रयाग जो कि प्रथम प्रयाग है और टिहरी बांध की झील में जलमग्न हो गया था। उसे ग्रामसभा जलवाल गांव के नीचे व भागीरथी एवं भिलंगना संगम के ठीक ऊपर स्थापित करने के लिए बद्रीनाथ मंदिर समिति द्वारा गणेश जी व गंगा जी का भव्य मंदिर बनाने के लिए स्वीकृति दी। और ₹700000 की धनराशि 2 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए दिए गए।

वर्तमान में 1 किलोमीटर सड़क 22 लाख रुपए में पीडब्ल्यूडी बनाती है जबकि 2 किलोमीटर सड़क ₹7लाख में गणेश मंदिर तक बनाई गई और शेष धनराशि आज तक नहीं दी गई है। शेष 15 नाली सरकारी भूमि बद्रीनाथ मंदिर समिति को तत्काल हस्तांतरित कर दी गई थी। हम बद्रीनाथ मंदिर समिति से अनुरोध करते हैं कि तत्काल इसकी शेष धनराशि हैं वह अन्य कार्य पूर्ण किए जाएं।

ग्राम खांड में झील के ठीक ऊपर क्षेत्र में बड़ी मात्रा में जंगली आंवला, बेल, अमलतास आदि का संग्रह केंद्र एवं यात्रा रूट पर धर्मशाला निर्माण की स्वीकृति बद्रीनाथ मंदिर समिति द्वारा दी गई थी इस पर भी धनराशि आज तक जारी नहीं की गई। मंदिर समिति को 20 नाली एवं 26 नाली भूमि हस्तांतरित हुए 6 साल से अधिक समय हो गया है। मंदिर समिति से अनुरोध है कि उपरोक्त कार्यो के निर्माण हो धनराशि स्वीकृत करने का कष्ट करें।
मंदिर समिति को धन्यवाद देना चाहूंगा कि इस वर्ष के बजट में उन्होंने गणेश प्रयाग का प्रावधान दिया है। उम्मीद करते हैं कि पहले वह शेष धनराशि एवं निर्माण कार्य को पूरा करेंगे।

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