उत्तराखंडसामाजिकस्वास्थ्य

…..और सड़क पर जन्मा बच्चा।

नैनीताल: उत्तराखंड के विकास के दावों की पोल खोलता मामला सामने आया है। इसे पहाड़ की विडम्बना ही कहेंगे जिन समस्याओं से निजात के लिए राज्य आंदोलनकारियों ने गोलियां खाई एक लंबी लड़ाई आज भी वहीं समस्याएं जस की तस बनी हुई है। नैनीताल में कड़ाके की सर्दी के बीच घंटों एम्बुलेंस का इंतजार करने के बाद प्रसव पीड़ा से कराहते हुए सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। घटना नैनीताल जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर भूमियाधार की है। जच्चा बच्चा की हालत नाजुक बनी हुई है। परिजनों ने बामुश्किल दोनों को हल्द्वानी अस्पताल में भर्ती कराया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मल्ला भूमियाधार निवासी मनोज आर्य की पत्नी निर्मला आर्य गर्भवती थी। सुबह नौ बजे उसे अचानक प्रसव का दर्द शुरू होने लगा। इस पर 108 एंबुलेंस को फोन किया। पर 10 बजे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। इसके बाद परिजन प्रसूता को सड़क तक लाने की कोशिश करने लगे। पर प्रसूता ने इसी बीच सड़क में ही बच्चे को जन्म दे दिया। परिजन बा मुश्किल समाजिक कार्यकर्ता की मदद से महिला व बच्चे को सीएचसी भवाली लाए। जहां डॉक्टर ने उपचार के बाद मां-बच्चे को एसटीएच हल्द्वानी रेफर कर दिया है। बताया जा रहा है कि महिला ने सात माह में बच्चे को जन्म दिया है।

गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है जब एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुँची है। जिले में पहले भी 108 एंबुलेंस के समय पर न पहुंचने के कारण प्रसूताओं व घायलों को समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं। रामगढ़ में भी कुछ माह पहले ऐसी ही एक मामला आया था। पर 108 सेवा का संचालन कर रही कंपनी पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी है। लोगों की जान जाने के बावजूद कंपनी पर कार्रवाई नहीं होती। नियमानुसार कंपनी को इमरजेंसी सेवा के लिए हमेशा वैकल्पिक व्यवस्था करनी होती है।

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