उत्तराखंडराजनीति

राज्य की अस्मिता की रक्षा के लिए एक और जन आंदोलन आवश्यक है

अल्मोड़ा उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर उपपा के केंद्रीय कार्यालय में हुई संगोष्ठी में राज्य की अवधारणा व अस्मिता के साथ लगातार हो रहे खिलवाड़ पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। इस मौके पर उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने कहा पिछले 23 वर्षों में यहां आई राष्ट्रीय दलों की सरकारों ने इस राज्य की अस्मिता को तार तार किया जिससे जनता में निराशा व आक्रोश व्याप्त है।
उत्तराखंड के 23 साल उत्तराखंडी अस्मिता एवं विकल्प के सवाल विषय पर चार घंटे चली संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि जिन प्राकृतिक संसाधनों के बल बूते पर एक समृद्ध, खुशहाल व विकासशील राज्य बन सकता था यहां आए राष्ट्रीय दलों की कठपुतली सरकारों ने उन्हीं संसाधनों को निर्ममता से लुटाने का कार्य किया। जिसके कारण आज यह राज्य पलायन, विस्थापन, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से पीड़ित एक बीमारू राज्य में तब्दील हो गया है। यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्राप्त नहीं हो रही हैं।
संगोष्ठी में उत्तराखंड जैसे राज्य में महिलाओं के साथ जुल्म बढ़े हैं। सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य की जिम्मेदारियों से अपना पिंड छुड़ा रही है। नशा व बेरोजगारी लगातार अपने पांव पसार रही है जिसका कोई हल सरकारों के पास नहीं है।
वक्ताओं ने इस बात को लेकर गहरी नाराजगी जताई कि सरकारें चंद लंपट पूंजीपतियों, कंपनियों को लूट की छूट देते हुए हिमालयी राज्य की संवेदनशीलता व पर्यावरणीय स्थितियों के विपरीत हिमालय से खिलवाड़ कर रही है जिसकी कीमत पूरे देश को चुकानी पड़ेगी।
बैठक में बोलते हुए एडवोकेट जीवन चंद्र ने कहा कि राज्य के स्वरूप को समझे बिना आज दो अभी दो उत्तराखंड राज्य दो जैसे नारों ने राज्य की अवधारणा के प्रश्न को गड़बड़ाने का काम किया।
उपपा महासचिव नरेश नौड़ियाल ने कहा कि सरकार इंवेस्टर समिट के नाम पर उत्तराखंड की जमीनों को पूंजीपतियों को सौंपने का काम शुरू कर रही है जिसके घातक परिणाम होंगे।
संगोष्ठी की अध्यक्षता पार्टी की नगर अध्यक्ष हीरा देवी एवं संचालन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल ने किया।
संगोष्ठी में उपपा महासचिव एडवोकेट नारायण राम, श्रीमती आनंदी वर्मा, मोहम्मद शाकिब, पान सिंह, शोध छात्रा भारती, धीरेंद्र मोहन पंत, उछास की भावना पांडे व शिवानी आर्या, मोहम्मद वसीम, किरन आर्या, एडवोकेट गोपाल राम, राजू गि‌री, हेमा पांडे आदि ने संबोधित किया। बैठक में भावना मनकोटी, बिशन राम समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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