उत्तराखंडसामाजिक

चकबंदी से ही विकास संभव

उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में कृषिगत भूमि की चकबंदी, उन्नत किस्म के बीजों के उपयोग कर सहकारिता के पेटर्न से खेती, औषधीय गुणोंयुक्त प्रजाति के सगंधपादप पौधों एवं फलदार पौधों के बृक्षारोपण एवं सोलर एनर्जी का उत्पादन की योजनायें मानव-बन्यजीव संघर्ष से क्षति की समस्या को नियंत्रित करने तथा उत्तराखण्ड के लोगों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने में कारगर सिद्ध हो सकती हैं। उत्तरांचल उत्थान परिषद के ओर से उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के पू्र्व दिवस में जोगीवाला रिंग रोड देहरादून स्थित प्रान्तीय कार्यालय परिसर में आयोजित जन संवाद विचार संगोष्ठी में पहुंचे प्रदेश के विभिन्न जनपदों एवं विभिन्न सामाजिक एवं अन्य क्षेत्रों में कार्य करने वाले संगठनों के प्रतिनिधि एवं स्थानीय जनता को सम्बोधित करते हुए संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र‌ सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में यह बात कही। इस संगोष्ठी कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तरांचल उत्थान परिषद के अध्यक्ष जयमल सिंह नेगी एवं कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संचालक नरेश चन्द्र कुलाश्री के द्वारा किया गया। कार्यक्रम अध्यक्ष जयमल सिंह नेगी के द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों एवं संगोष्ठी में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए स्वागत सम्बोधन दिया गया। उत्तरांचल उत्थान परिषद के महामंत्री राम प्रकाश पैन्यूली ने उत्तरांचल उत्थान परिषद परिचय संबोधन में परिषद के द्वारा किये जा रहे विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यों एवं प्रकल्पों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विशिष्ट अतिथियों एवं कार्यक्रम आयोजक समिति के सदस्यों के द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। परिषद के बरिष्ठ सदस्य डा० माधव प्रसाद मैठाणी के द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों का परिचय एवं स्वागत अलंकरण कराया गया। कार्यक्रम प्रारंभ में श्री राकेश राणा ने ग्राम गीत, एवं बाल कलाकार कु० सोनिया एवं कु० महिमा की युगल जोड़ी द्वारा उत्तराखण्ड की महिमा गीत एवं उत्तराखण्डी पहचान गढ़वाली गीत की सुन्दर प्रस्तुति दी गई। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रोफेसर गोविन्द सिंह रजवार ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का अधिकांश भूभाग पर्वतीय क्षेत्र है जहां परस्थितियां मैदानों से भिन्न एवं विषम हैं। उन्होंने सामाजिक संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका एवं विभिन्न कृषिगत एवं अन्य उद्यमों की समस्याओं को रेखांकित करते हुए सरकार को इन समस्याओं पर ध्यान देकर कार्ययोजना बनाने को अनावश्यक बताया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी श्री मनोज ध्यानी के द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के संघर्ष में शहीदों को नमन एवं याद करते हुए कहा कि एक लम्बे संघर्ष के बाद राज्य मिला है। उन्होंने कहा कि 23 वर्ष के उत्तराखण्ड राज्य का स्थापना दिवस को हर्षोल्लास के साथ मानाना और निरंतर इसकी समृद्धि पर चिंतन,मनन और प्रयास करने चाहिए। कार्यक्रम में पहुंचे विशिष्ट अतिथि भाजपा उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री श्री आदित्य कोठारी ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र में भाजपा की सरकार के कार्यकाल में स्व० प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा उत्तर प्रदेश से अलग कर उत्तरांचल (उत्तराखण्ड) राज्य की घोषणा कर नया राज्य बनाया गया। उन्होने कहा कि भाजपा संगठन एवं सरकार सभी लोगों की समस्याओं का समाधान एवं राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है। उन्होंने उत्तरांचल उत्थान परिषद के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार परिषद प्रवासी पंचायत, स्थानीय निवासियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने एवं पर्वतीय जनपदों से पलायन को रोकने के लिए प्रवासी एवं शहरों में बस गये लोगों को मेरा ‘गांव मेरा तीर्थ एवं चलो गांव की ओर’ के ध्येय वाक्य के साथ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जिस प्रकार प्रेरणादायक भूमिका निभा रही हैं, वह सराहनीय है। कार्यक्रम के अन्त में कार्यक्रम संयोजक मनोज बिष्ट के द्वारा अपने आहार सम्बोधन में कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, गणमान्य अतिथियों, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मातृशक्ति एवं उत्थान परिषद समस्त दायित्वधारियों एवं कार्यकर्ताओं का कार्यक्रम की सफलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर उनका आभार व्यक्त किया गया। संगोष्ठी कार्यक्रम में पूर्व दर्जाधारी राज्य मंत्री सुभाष बड़थ्वाल, वार्ड पार्षद रवि गुसाईं, उत्तरांचल दैवीय आपदा पीड़ित सहायता समिति के अध्यक्ष मदन सिंह चौहान, उत्थान परिषद के दायित्वधारी एवं कार्यकर्ता संगठन मंत्री शम्भू प्रसाद पुरोहित, यशोनन्द कोठियाल, डी.एन. उनियाल, सुरेन्द्र नौटियाल, मेजर (अ०प्र०) महावीर सिंह रावत, मानवेन्द्र प्रसाद तिवारी, विजय बिष्ट, सतीश‌ डंगवाल, पृथ्वी धर काला, विपुल जोशी, सामाजिक कार्यकत्री गीता बिष्ट, ऊषा रावत, बबली देवली, प्रवीण राणा आदि, अन्य गणमान्य अतिथियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता, मातृशक्ति एवं स्थानीय निवासियों ने प्रतिभाग किया।*

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button