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उत्तरकाशी । अस्काट – आराकोट अभियान दल गंगा घाटी की यात्रा करते हुए अब यमुना घाटी की ओर रवाना हो गई है।
यह अभियान यात्रा 1974 से हर दस साल बाद आयोजित होती है। अभियान के दौरान सामाजिक परिवर्तनो एवं विकास यात्रा का अध्ययन किया जाता है। अभियान दल के सदस्यों ने वन विभाग के सौजन्य से तथा गढ़वरशाली इंटर कॉलेज के स्काउट गाइड के मंगल सिंह पंवार व उनके छात्र छात्राओं तथा प्रधानाचार्य व शिक्षकों शिक्षिकाओं द्वारा वृक्षारोपण किया गया तथा अभियान दल के सदस्यों को भोजन करवा कर विदा किया ।
पद्म श्री शेखर पाठक व प्रोफेसर गिरजा पाण्डेय ने विद्यार्थियों को संबोधित कर पिछले पचास वर्षों के अपने अनुभवों को साझा किया वहीं से एक टीम फलांचा खरक होते हुए ओर दूसरी सिल्क्यारा टनल का अध्ययन करते हुए आराकोट पहुंचेगी
अस्कोट से आराकोट 1150 किलोमीटर पैदल यात्रा अभियान- 2024 अपने उत्तरकाशी दौरा जो कि अंतिम पड़ाव है क्योकि आराकोट जनपद उत्तरकाशी में है, उत्तराखंड के पहाडी क्षेत्र के सामाजिक/ आर्थिक/ भौगोलिक/ पर्यावरणीय अध्ययन के साथ साथ 50 सालों में हुए बदलावों के अवलोकन हेतू
अभियान के नेतृत्वकर्ता प्रोफेसर शेखर पाठक जी के साथ यात्रा के स्तम्भ यात्रीगणों के साथ स्थानीय समन्वय दिनेश भट्ट जी एवं स्थनीय जनमानस घराट श्रृंखला रिटेल ग्राम समूह नाकुरी विकास खण्ड डुण्डा उत्तरकाशी पहुंचे, स्थानीय संसाधनों से चलित एक परम्परागत सरल विज्ञान “घराट ” को रोजगार का एक प्रमुख केंद्र देख सभी सदस्य प्रसन्न हुए,
पिथौरागढ़ के #पांगू से #आराकोट की 1150 km की पैदल यात्रा अपने आप में एक महत्वपूर्ण यात्रा है जो हमें सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, व्यापारिक गतिविघियों के अध्ययन में सहयोग करती है,
अनिल डंगवाल