ऋषिकेश। राष्ट्रीय आरएसएसडीआई (रिसर्च सोसाइटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया ) की उत्तराखंड इकाई के न्यूज लेटर का उद्घाटन किया गया। आरएसएसडीआई के संस्थापक प्रोफेसर एम.एम. आहुजा की जयंती के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि मधुमेह रोग के प्रति आम लोगों को जागरुक किया जाएगा। गौरतलब है कि एम्स नई दिल्ली में राष्ट्रीय आरएसएसडीआई की स्थापना के 50 वें वर्ष के उपलक्ष्य में संस्था के इस समाचार पत्र का डिजिटल विमोचन एम्स ऋषिकेश में मधुमेह के अनुसंधान, संचालन और इससे सम्बन्धित विभिन्न विषयों की जानकारी के लिए करने का निर्णय लिया गया था। डायबिटीज के निदान, अभ्यास, रोकथाम और इसके प्रबंधन पर सीधे असर हेतु इसे ’मधुमेह मुक्त भारत-स्वस्थ भारत’ का स्लोगन दिया गया है। आयोजित कार्यक्रम के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म के उद्घाटन के अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एम्स, ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, विशिष्ट अतिथि गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ. वसंत कुमार, आरएसएसडीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वसंत कुमार, उत्तराखंड आरएसएसडीआई के अध्यक्ष डॉ. संजय शाह, उत्तराखंड आरएसएसडीआई के सचिव डॉ. रविकांत आदि प्रमुखरूप से उपस्थित रहे।
इस दौरान एम्स की निदेशक व कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर (डॉ. )मीनू सिंह ने आरएसएसडीआई के माध्यम से जन सेवा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डायबिटीज के निदान के लिए आम लोगों को इसके प्रति जागरुक कर उन्हें बीमारी से बचने के उपाय बताने होंगे। जनरल मेडिसिन विभाग के अपर आचार्य और आरएसएसडीआई के राज्य सचिव डॉ. रविकांत ने संगठन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी तथा उपस्थित सदस्यों को संगठन की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस तरह के समाचार पत्र जारी करने का उद्देश्य उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के लिए बनाए गए मधुमेह देखभाल, अनुसंधान, नैदानिक सामग्री और इसके निवारक पहलुओं की जानकारी को उजागर करना है। डॉ. रविकांत ने कहा कि यह न केवल मधुमेह रोगियों और चिकित्सकों के लिए बल्कि शोधकर्ताओं और अन्य सभी के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। कार्यक्रम के दौरान डॉ. संजय शाह और डॉ. नीलांभर भट्ट द्वारा संस्था की भविष्य की योजनाएं बताई गई। डॉ. वसंत कुमार ने मधुमेह रोगियों को सस्ती मधुमेह देखभाल प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आरएसएसडीआई के आह्वान को दोहराया। डॉ. अर्नव चौधरी और हिना उस्मानी के संयुक्त संचालन में चले इस कार्यक्रम में एचआईएचटी से प्रो. रेशमा कौशिक, डॉ. दीपक रस्तोगी, डॉ. विपिन मेहरा, डॉ. केसी लोहानी आदि शामिल थे।