अल्मोडा। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय महासचिव श्री नारायण राम एडवोकेट ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान पर आश्चर्य प्रकट किया है कि उत्तराखंड में भाजपा अनुसूचित वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। वास्तविकता यह है कि भाजपा अनुसूचित वर्ग के साथ भेदभाव कर रही है और घोर उपेक्षा कर रही है। इसका ज्वलंत उदाहरण अनुसूचित जाति के जगदीश चंद्र की हत्या होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी जी एवं उनके अन्य सहयोगियों की चुप्पी है क्योंकि प्रदेश मुख्यमंत्री धामी जी एवं उनके सहयोगी जगदीश चंद्र की हत्या पर एक शब्द सहानुभूति का तक नहीं बोले।
जनपद चमोली में पिंकी आर्या की हत्या हुई अनुसूचित जाति की होने से मुख्यमंत्री धामी जी एवं उनके सहयोगी कुछ नहीं बोले अपराधी को तत्काल गिरफ्तार भी नहीं किया गया। जब देवाल में लगातार धरना प्रदर्शन किया गया तब एक साल बाद अपराधी पकड़ा गया। इसी प्रकार अनुसूचित जाति की कु. मोनाली, सुनील कुमार, विकास कुमार और वीरेंद्र राम के हत्यारों को अभी तक नहीं पकड़ा गया और ना ही उनके परिवार को कोई मुआवजा दिया गया। यह सोचनीय है कि किस आधार पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए कार्य कर रही है जबकि अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष भी इन हत्याओं पर कुछ नहीं बोले। जनपद अल्मोड़ा में जगदीश की हत्या पर अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ सांसद श्री अजय टम्टा जो कि अनुसूचित जाति के हैं एक शब्द भी नहीं बोले और ना सहानुभूति प्रकट की है।
इसी प्रकार जनपद अल्मोड़ा से अनुसूचित जाति की मंत्री श्रीमती रेखा आर्या भी एक शब्द नहीं बोली। यह अनुसूचित जाति के लोगों की अनदेखी ही नहीं बल्कि अपमान भी है। यदि भाजपा अपने आप को अनुसूचित वर्ग की हितैषी समझती है तो अनुसूचित जाति के समाज के जिन लोगों की हत्या हुई है उनको अंकिता भंडारी की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए, जिन परिवारों ने अपने कमाने वाले सदस्यों को खोया है उनके परिवार के सदस्यों को तत्काल सरकारी नौकरी दी जाए। केवल पेपर में कह देना कि भाजपा हितैषी पार्टी है यह भाजपा का अनुसूचित जाति के समाज को बरगलाना है और केवल अपना प्रचार मात्र है। यदि वास्तव में यह पार्टी अनुसूचित जाति की हितैषी होती जैसा की अनुसूचित जाति के प्रदेश अध्यक्ष यह दावा कर कर रहे हैं तो धरातल में अनुसूचित जाति के हितों की रक्षा की होती।