जीवन बचाने को रक्तदाताओं ने किया महादान, एम्स में राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस का आयोजन

एम्स, ऋषिकेश में राष्ट्रीय स्वैक्षिक रक्तदान दिवस मनाया गया, इसके साथ ही संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड बैंक विभाग के तत्वावधान में माहभर से आयोजित रक्तदान एवं रक्त संबंधी विभिन्न गतिविधियों का विधिवत समापन हो गया।
गौरतलब है कि भारत सरकार की ओर से 17 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक स्वैच्छिक रक्तदान पखवाड़ा मनाया गया। जिसके तहत एम्स, ऋषिकेश की ओर से पखवाड़े के तहत विभिन्न दिवसों में 8 रक्तदान शिविर आयोजित किए गए, जिसमें 431 यूनिट्स रक्त एकत्रित किया गया।
बताया गया कि संस्थान के आह्वान पर हरिद्वार, ऋषिकेश नगर क्षेत्र एवं देहरादून के रक्तदान आयोजित किए गए रक्तदान शिविरों के आयोजकों का एम्स की ओर से हार्दिक अभिवादन और उन्हें सम्मानित किया गया।
उधर, एम्स संस्थान के रक्तकोष विभाग में 150वें रक्तदान करने के लिए नगर निगम ऋषिकेश के पार्षद श्री राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट तथा रक्तदान में शतक पूर्ण करने के लिए रक्तदाता श्री सुशील छाबरा को स्मृति चिह्न एवं प्रशस्तिपत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
इसी क्रम में संस्थान के रक्तकोष विभाग में आमजन को रक्तदान को लेकर प्रेरित करने के उद्देश्य से सामुहिक शपथ का भी आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान के सदस्यों व समस्त स्टाफ ने इस मुहिम को निरंतर जारी रखने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने कहा कि जीवन बचाने के लिए रक्त का कोई विकल्प नहीं है तथा रक्त केवल स्वस्थ रक्तदाताओं से ही लिया जा सकता है।
संकायाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी ने बताया कि आपात स्थितियों में रक्त की आवश्यकता पड़ने पर संस्थान के स्टाफ सदस्य तथा विद्यार्थी मरीजों की सेवा के लिए आगे आते हैं।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्यश्री ने कहा कि कईदफा इमरजेंसी में आए हुए जरुरतमंद मरीजों के लिए रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होती है, ऐसी स्थिति में संस्थान के रक्तकोष विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में रक्त उपलब्ध रहता है।
ट्रांफ्यूजन मेडिसिन एवं रक्तकोष विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गीता नेगी तथा सह आचार्य डॉ. दलजीत कौर एवं डॉ. आशीष जैन ने कहा कि विभाग का उद्देश्य शतप्रतिशत स्वैच्छिक रक्तदान का लक्ष्य हासिल करना है, जिसे विभाग रक्तदान शिविर आयोजन करने वाली संस्थाओं तथा स्वैच्छिक रक्तदाताओं के सहयोग से शीघ्र ही हासिल करेगा। इस दौरान विभाग की ओर से इस दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता व सहयोग के लिए योगदान देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया गया।
गौरतलब है कि हरवर्ष डॉ. जे. जी. जॉली जी के जन्म दिवस को ( जिन्हें भारत में ट्रांसफ़्यूज़न मेडिसिन का जनक भी कहा जाता है,) स्वेच्छिक रक्तदान पर्व मनाया जाता है।