देहरादून| देहरादून एवं टिहरी जनपद सीमा की बांदल नदी घाटी क्षेत्र में रात्रि में लगभग 1:30 बजे से हुई मूसलाधार बारिश एवं आसपास की पहाड़ियों में दो स्थानों पर हुई बादल फटने के कारण मालदेवता से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुआखोली सड़क मार्ग पर देहरादून जनपद की सीमा से लगे टिहरी जनपद के तहसील धनौल्टी के ग्राम ताछिला में ‘कैम्प टापूसेरा पहाड़ी छानी’ इकोटूरिज्म प्रतिष्ठान भयंकर बाढ़ एवं सामने पहाड़ी पर बादल फटने से आये मलवे के नीचे दबकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। प्रतिष्ठान में रात्रि ड्यूटी पर तैनात दो कर्मचारियों ने अपनी सूझबूझ एवं सतर्कता से मूसलाधार बारिश से नदी में बढ़ रहे पानी और मयंकर बिजली कड़कने के बीच टार्च की लाइट के सहारे भागकर ऊपर सड़क के के सुरक्षित स्थान पर अपनी जान बचाई। यह इकोटूरिज्म प्रतिष्ठान श्रीमती रिंकी जोशी पत्नी श्री सुधीर कुमार जोशी के द्वारा अपने निकट सम्बन्धी भू-स्वामी श्री गोविन्द पेटवाल की 30 बीघा जमीन को लीज पर लेकर बनाया गया था।
ग्रामीण पर्यटन एवं स्थानीय लोगों को रोजगार व स्थानीय जैविक उत्पादों के प्रोत्साहन एवं ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाये गये इकोटूरिज्म प्रतिष्ठान में पर्यटकों के रुकने के लिए अटैच शौचालय व स्नानागार, डबल बेड, टेलेविजन आदि सुविधाओंयुक्त 15 कुटियायें, एक घराट ( पनचक्की), बिजली उत्पादन के लिए छोटा टर्बाइन, कैफेटेरिया, कीचन, एक बड़ा हाल, सुसज्जित पार्क, शहद उत्पादन के लिए लगाये गये मौन पालन के 20 बाक्स, मछली का तालाब, मुर्गी पालन के लिए बनाया गया शेड को सुरक्षा दीवार बनाकर तैयार किया गया था। लेकिन रात्रि में आई इस आपदा में बांदल नदी में आई भयंकर बाढ़ के पानी से कटाव व घाटी के ऊपर पहाड़ियों में बादल फटने की घटना से प्रतिष्ठान का कुछ हिस्सा पानी के साथ भारी मात्रा में आये मलवे के नीचे दबकर और अधिकांश हिस्सा समस्त सामग्री सहित बाढ़ के पानी में बह गया। प्रतिष्ठान स्थल पर प्राकृतिक आपदा की तबाही से लाखों की धनराशि ब्यय कर बनाये गये इकोटूरिज्म प्रतिष्ठान के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने का पसरा भयंकर तबाही का मंजर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। श्रीमती रिंकी जोशी एवं उनके पति श्री सुधीर कुमार जोशी सहकार भारती उत्तराखण्ड महानगर देहरादून से भी जुड़े हैं। सुबह-सुबह इसकी सूचना श्री सुधीर जोशी ने सहकार भारती महानगर देहरादून के अध्यक्ष श्री मणिराम नौटियाल एवं महामंत्री नरेश चन्द्र कुलाश्री को दी गई। यह सूचना पाकर श्री एम आर नौटियाल एवं श्री नरेश चन्द्र कुलाश्री ने उनके राजेश्वरीपुरम स्थित आवास पर जाकर घटना की जानकारी ली तथा इस दुर्घटना से प्रतिष्ठान को हुई क्षति पर दु:ख ब्यक्त किया। उन्होंने इस दुर्घटना के सदमे से दुखी श्रीमती रिंकी जोशी उनके पति श्री सुधीर कुमार जोशी एवं अन्य परिवार जनों को ढाढस बंधाया तथा उन्हें इस विकट संकट स्थिति में हिम्मत से कठिन स्थिति का मुकाबला करने के लिए उबरने के लिए कहा। उन्होंने संकट की स्थिति से उबरने के लिए सरकार से इकोटूरिज्म प्रतिष्ठान स्वामी को प्रतिष्ठान की क्षति का सही-सही आकलन कर लाखों की सामग्री एवं भू-स्वामी श्री गोविन्द पेटवाल को 30 बीघा जमीन के नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए उचित मुआवजा देने की मांग की तथा परिवार को सहकार भारती उत्तराखण्ड की ओर से हर सम्भव सहयोग करने का आश्वासन दिया गया।