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चकराता महाविद्यालय:एनएसएस स्थापना दिवस का समारोहपूर्वक होगा आयोजन
चकराता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म शताब्दी वर्ष में राष्ट्रीय सेवा योजना का शुभारंभ हुआ था। 24 सितंबर 1969 को देश के 37 विश्वविद्यालयों में मात्र 40,000 विद्यार्थियों से हुई थी। यह संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती रही और वर्तमान में 35 लाख के लगभग हो चुकी है।इस योजना का विस्तार अब देश के सभी राज्यों के विश्वविद्यालयों ,महाविद्यालयों,माध्यमिक शिक्षा परिषदों व प्रावैधिक संस्थानों में हो चुका है। एनएसएस का सिद्धांत वाक्य ‘स्वयं से पहले आप'(नाॅट मी बट यू) दूसरों के दृष्टिकोण की सराहना करता है। इसका उद्देश्य ‘समाज सेवा के माध्यम से विद्यार्थियों का विकास’ करना है। राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रतीक चिन्ह उड़ीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ चक्र पर आधारित है। इसके बैज पर उत्कीर्ण प्रतीक चिह्न में आठ तिलियां हैं जो दिन के आठ पहरों अर्थात 24 घंटों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसलिए जो इस बैज को धारण करता है उसे यह याद कराता है कि वह राष्ट्र सेवा के लिए दिन-रात अर्थात 24 घंटे तत्पर रहे। बैज का लाल रंग उत्साह व गहरा नीला रंग ब्रह्मांड का संकेत है। श्री गुलाब सिंह राजकीय महाविद्यालय चकराता के प्राचार्य प्रो.के.एल. तलवाड़ जो पूर्व में एनएसएस के जिला समन्वयक रह चुके हैं, ने बताया कि एनएसएस के स्थापना दिवस को महाविद्यालय में समारोहपूर्वक मनाया जायेगा। इस अवसर राज्य स्तरीय एनएसएस पत्रिका के 20 अंको की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। विद्यार्थियों को प्राचार्य द्वारा लिखित पुस्तकें निशुल्क वितरित की जायेगी और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन होगा जिसका विषय होगा-‘आपदा प्रबंधन में एनएसएस की भूमिका ‘।