खराब मौसम के बावजूद वारुणी यात्रा में शामिल हुए हजारों भक्त


पंचकोसी परिक्रमा (वारुणी) यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने की शिरकत ।
खराब मौसम के बाबजूद भी श्रद्धालुओं का उत्साह को कम नहीं हुआ। प्रातः काल से ही हजारों श्रद्धालुओं यात्रा पर निकले। उतने ही उत्साह से यात्रा मार्ग में पड़ने वाले ग्रामीणों ने मारझे के लड्डू , आलू के गुटके फल और चाय के साथ उनका स्वागत किया। प्रकृति ने भी राज्य फूल बुरांस से स्वागत किया
पंचकोसी वारुणी यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व: संग्राली गांव निवासी पंडित दिवाकर नैथानी बताते हैं कि अनादि काल से चली आ रही इस धार्मिक यात्रा का उल्लेख पद्म पुराण में मिलता है. वरुणावत पर्वत को भगवान का निवास स्थान माना जाता है. पुराणों में यहां भगवान परशुराम एवं महर्षि वेदव्यास द्वारा तपस्या किए जाने का उल्लेख है. उपवास रखकर नंगे पैर पैदल पंचकोसी वारुणी यात्रा करने से मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही सौ यज्ञों का पुण्य फल प्राप्त होता है.
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने पंचकोसी वारुणी यात्रा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को साल्ड एवं संग्राली गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही विभाग से उक्त दोनों स्थानों पर एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इधर, ग्रामीणों ने डीएम के माध्यम से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन भेजकर वारुणी यात्रा मार्ग की मरम्मत करने की मांग की है. जिला पंचायत सदस्य सरिता चौहान, ग्राम प्रधान संग्राली संदीप सेमवाल, ग्राम प्रधान पाटा नरेश चौहान, प्रथम सिंह, पुजा डंगवाल, हंसराज चौहान, भागेश्वरी आदि ने कहा कि उक्त यात्रा मार्ग कई वर्षों से क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को असुविधा होती है और उन्होंने उक्त मार्गों पर टाइल्स बिछाने के साथ स्ट्रीट लाइटें लगाने एवं रेन शेड बनवाने की मांग की.