देश-विदेश
विकास के दावे सच्चाई से परे
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वाराणसी। उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार विकास के दावे तो खूब करती है लेकिन जिस तरह का असंतोष मनरेगा और संविदा कर्मियों में है उससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि इन दावों के पीछे कि सच्चाई कुछ और है। लखनऊ के इको गार्डन में कई दिनों से प्रदेश के अलग क्षेत्रों से, अलग अलग मानगो को लेकर कई प्रदर्शन और आंदोलन हुए और आगे भी प्रस्तावित हैं।
सरकार के रोजगार देने के दावों की हक़ीक़त यह है कि मनरेगा और संविदाकर्मियों का अफसरों द्वारा जमकर शोषण हो रहा है। वेतनमान तो कम है ही किसी तरह कि सोशल सिक्योरिटी भी नहीं है। इसी संदर्भ में रोजगार गारंटी परिषद् भारत सरकार के पूर्व सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता संजय दीक्षित से बातचीत :