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‘नफरत नहीं रोजगार दो’ विभिन्न संगठनों ने संविधान के मूल्यों एवं कानून के राज पर आवाज़ उठाई

गुरूवार को देहरादून, सल्ट, गरुड़, पौड़ी, चमियाला, कर्णप्रयाग, पिथौरागढ़, रामनगर, नैनीताल और राज्य के अन्य शहरों में लोगों ने धरना, उपवास और अन्य कार्यक्रमों द्वारा संविधान के मूल्यों एवं कानून के राज पर आवाज़ उठाई। महिला संगठनों से ले कर मज़दूर संगठनों तक, ग्रामीण लोगों से राजनेताओं तक, “यह राज्य वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का है” कहते हुए “नफरत नहीं, रोज़गार दो”, “संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ,” और “कौमी एकता जिंदाबाद” के नारों को लगा कर लोगों ने राज्य में चल रहे नफरतवाला अभियान और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई।

किसी भी प्रकार का यौन शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है लेकिन ऐसे घटनाओं के बहाने एक पूरा समुदाय विशेष को निशाना बनाना, यह अपने आप में आपराधिक काम है। इस माहौल की वजह से निर्दोष लोगों को अपने घरों छोड़ कर भागना पड़ रहा है, यह शर्मनाक बात है। आज के अभियान में सद्भावना समिति, उत्तराखंड महिला मंच, जनवादी महिला समिति, उत्तराखंड इंसानियत मंच, CPI, CPI(M), CPI(ML), चेतना आंदोलन, समाजवादी पार्टी, और अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ राज्य के विभिन्न जगहों से आम लोग भी शामिल हुए।

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