उत्तराखंडसामाजिक

32 वर्षों में नहीं बन पाई आठ किमी सड़क

उत्तरकाशी। जनपद में देवीधार (जड़ीढुमका) से जोशियाड़ा मोटर मार्ग वर्ष 1989 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन पर्वतीय विकास मंत्री स्व० बर्फिया लाल जुवांठा ने स्वीकृत की थी, जिसकी लंबाई मात्र 14 किमी है । इसमें छह किमी सड़क बनी हुई है,जबकि आठ किमी सड़क बननी शेष है। इस सड़कके बनने से जहां ग्रामीणों को सुविधा होगी,वहीं यात्रा सीजन में भी यहसुविधाजनक होगी।

उत्तरकाशी से दिलसौड़ तक सड़क बनी हुई है। देवीधार से रनाड़ी तक भी सड़क बनी हुई है। रनाड़ी से दिलसौड़ तक आठ कमी सड़क बननी अवशेष है जो 32 वषों से निर्माण की बाट जोह रही है। सड़क एक बार खोदी गई, परन्तु वह पक्की नहीं बन पाई। लोक निर्माण विभाग ने कच्ची सड़क जो जगह-जगह से टूट गई है, उस आठ किमी सड़क मरम्मत पर इतना धन व्यय किया गया जितनी धनराशि में पूर्ण सड़क बन जाती।

जहां सड़क नहीं थी वहां मरम्मत कार्य कर दिया गया और ठेकेदारों को भुगतान भी समय-समय पर विभाग कर रहा है। इस सड़क से दिलसौड़, चामकोट, अठाली, रनाड़ी, अस्तल, डांडा, मांजफ, हिटाणू, भालसी, उदालका, दड़माली, पुजारगांव, गंवाणा एवं धनारी पट्टी के गांव जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ेंगे। इस क्षेत्र से दो बार कांग्रेस का विधायक एवं दो बार भाजपा का विधायक तथा एक बार जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। इससे समझा जा सकता है कि उत्तराखण्ड का विकास किस गति से हुआ एवं हो रहा है। साधारण बोलचाल में यही कहा जा सकता है अँधेर नगरी चौपट राजा।

 

 

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