उत्तराखंड

इंटर कॉलेज की जमीन पर दूसरे विभागों की नजर, जर्जर छात्रावास के पुनर्निर्माण की उठी मांग छात्रों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

इंटर कॉलेज की जमीन पर दूसरे विभागों की नजर, जर्जर छात्रावास के पुनर्निर्माण की उठी मांग छात्रों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी

उत्तरकाशी। 106 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को संजोए राजकीय कीर्ति इंटर कॉलेज की भूमि पर अब अन्य विभागों की नजर है। शिक्षा की अलख जगाने के उद्देश्य से 1906 में स्थापित इस विद्यालय के लिए तत्कालीन बाराहाट गांव के लोगों ने कई एकड़ भूमि दान में दी थी। किंतु आज यही भूमि विभागीय हस्तक्षेप का केंद्र बन गई है। वहीं विद्यालय का छात्रावास वर्षों से जर्जर अवस्था में है, जिस ओर किसी भी विभाग का ध्यान नहीं है।

बताया जाता है कि 1960 से पहले विद्यालय के पास विशाल भूखंड मौजूद था, जिसमें स्कूल भवन के साथ-साथ टीचर्स कॉलोनी एवं छात्रावास भी बनाया गया था। छात्रावास में जिले के दूरस्थ क्षेत्रों से आए छात्र निवास करते थे। वर्ष 1991 में छात्रावास का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन पुनर्निर्माण के बजाय उसी स्थान पर मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्थापित कर दिया गया।

जिला गठन के समय इंटर कॉलेज की भूमि पर विभागों के कुछ अस्थाई भवन निर्मित हुए थे, जो अब स्थायी भवनों में स्थानांतरित हो चुके हैं। इसके बावजूद अब फिर से इस भूमि पर कब्जे की कोशिशें दिखाई दे रही हैं। हाल ही में यहां अस्पताल भवन बनाए जाने का प्रस्ताव आया था, लेकिन अस्पताल अब अन्यत्र निर्मित हो रहा है। इसके बाद अब इंटर कॉलेज की भूमि पर चिकित्सा विभाग के आवास बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसको लेकर छात्रों ने तीखा विरोध जताया है।

छात्र प्रतिनिधि संजीता राणा ने कहा कि यह विद्यालय जिले का सबसे पुराना शिक्षण संस्थान है। पहले यहां दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले छात्रों हेतु छात्रावास की व्यवस्था थी, लेकिन उपेक्षा के कारण छात्रावास खंडहर में बदल गया। उन्होंने मांग की कि पुराने हॉस्टल भवन को ध्वस्त कर उसके स्थान पर नए छात्रावास का निर्माण कराया जाए, ताकि गरीब एवं दूरस्थ क्षेत्र के छात्रों को रहने की सुविधा मिल सके।

छात्रों का कहना है कि विद्यालय की भूमि को अन्य विभागों को हस्तांतरित नहीं किया जाना चाहिए। उनका सुझाव है कि यदि भवन निर्माण होना ही है, तो यहां मल्टी-स्टोरी टीचर कॉलोनी का निर्माण किया जा सकता है, जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिले।

छात्रों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है और मांग की है कि जर्जर छात्रावास का तुरंत पुनर्निर्माण कराया जाए। छात्रों का कहना है कि यह विद्यालय अटल उत्कर्ष विद्यालय के रूप में भी चयनित है, इसलिए छात्रावास निर्माण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे तथा अभिभावकों व पूर्व छात्रों से भी समर्थन की अपील की है।

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