एम्स, ऋषिकेश के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय बर्न जागरुकता दिवस मनाया गया, समारोह में संस्थान की ओर से कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने साहसी मरीजों को उपहार भेंट कर प्रोत्साहित किया।
बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय बर्न जागरुकता दिवस पर संस्थान के मिनी ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह का कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि संस्थान के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अंतर्गत फरवरी-2021 से चार बैड का बर्न वार्ड संचालित किया जा रहा है, कईदफा बर्न पेशेंट्स की संख्या बढ़ने पर उन्हें ट्रॉमा सेंटर में अन्य बेड्स पर भी दाखिला दिलाकर उपचार दिया जाता है।
निदेशक एम्स ने कहा कि अस्पताल में मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं साथ ही पेशेंट्स के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में सततरूप से इजाफा किया जा रहा है। जिससे उत्तराखंड व आसपास के राज्यों के मरीजों को किसी भी तरह के इलाज के लिए राज्य से बाहर के अस्पतालों में नहीं जाना पड़े।
इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने एम्स में उपचार लेने वाले साहसी बर्न पेशेंट्स को विभाग की ओर से उपहार भेंटकर सम्मानित भी किया।
संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर (डॉ.) जया चतुर्वेदी ने समारोह में शिरकत करने वाले बर्न पेशेंट्स को प्रोत्साहित किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. विशाल मागो ने बताया कि एम्स अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित होने के बाद से अब तक यहां 250 झुलसे मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि एम्स बर्न यूनिट में उपचार प्राप्त करने वाले मरीजों में शैशवस्था से लेकर 93 वर्ष तक के मरीज शामिल हैं, जो कि विभिन्न घटनाओं में 5 प्रतिशत से लेकर 85 प्रतिशत तक झुलसे थे। अस्पताल द्वारा इन सभी मरीजों को बेहतर उपचार देकर नया जीवन प्रदान किया गया। इस दौरान विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मधुभरी वाथुल्या द्वारा बर्न उपचार से उबरे मरीजों को विभाग की ओर से मैडल प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने बताया कि हर संघर्ष के लिए साहस और आत्मविश्वास का होना बेहद जरुरी है।
केईएम हॉस्पिटल, मुंबई की प्रो. विनीता पुरी द्वारा जलने से मरीजों को होने वाली परेशानियों तथा उनके निवारण पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस दौरान एसिड अटैक से ग्रसित पेशेंट प्रज्ञा प्रसून ने ऑनलाइन माध्यम से अपने अनुभव साझा किए।
इस दौरान विभाग के नर्सिंग ऑफिसरों ने केमिकल बर्न, थर्मल बर्न, इलेक्ट्रिक बर्न से बचाव के उपायों
पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर लोगों को जागरुक किया जबकि ऋषिकेश अग्निशमन विभाग की टीम ने प्रताप सिंह राणा की अगुवाई में लोगों को आग से सुरक्षा के उपायों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। अतिजीवन फाउंडेशन की ओर से बर्न से ग्रसित पेशेंट्स की सहायतार्थ पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई। इस दौरान कई चिकित्सकों ने अपनी पसंदीदा पेंटिंग्स को खरीद कर बर्न पेशेंट्स के निमित्त आर्थिक सहायता प्रदान की।
इस अवसर पर उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भारत भूषण, प्रो. सत्याश्री, प्रो. अरूप कुमार मंडल, प्रो. मीनाक्षी धर, प्रो. पंकज कंडवाल, प्रो. अनुपमा बहादुर, डॉ. नम्रता गौर, डॉ. नवीन कंसल, बर्न एवं प्लास्टिक विभागाध्यक्ष डॉ.विशाल मागो, डॉ. देवरति चटोपाध्याय, डॉ. मधुभरी वाथुल्या, डॉ. अक्षय कपूर, डॉ. नीरज, डॉ. परमप्रीत के अलावा डॉ. जितेंद्र चतुर्वेदी, डॉ. कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्राचार्य प्रो. स्मृति अरोड़ा, जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार सिंह, सीएनओ रीटा शर्मा, हिमालयन अस्पताल के डॉक्टर मन्नू, डॉ. अम्बोरीश, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल के प्रो. किन्नारी, प्रो. अनिल मलिक, डा. भावना आदि मौजूद थे।