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राज्य के मेडिकल कालेजों के पुस्तकालयों को एम्स से किया जाएगा सम्बद्ध : धन सिंह रावत

ऋषिकेश। केंद्रीय पुस्तकालय एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार देर शाम संपन्न हो गया। इस दौरान समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य के स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन संचालित सभी मेडिकल कॉलेजों के पुस्तकालयों को शीघ्र ही एम्स के केन्द्रीय पुस्तकालय से सम्बद्ध किया जाएगा, ताकि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को एम्स की चिकित्सा शिक्षा से लाभ मिल सके।
देश के विभिन्न मेडिकल कॉलजों और अन्य संस्थानों से आए पुस्तकालयाध्यक्षों और विभिन्न कंपनियों के प्रकाशकों के सम्मेलन में वक्ताओं ने प्रोद्योगिकी संचालित पुस्तकालयों को बढ़ावा देने के लिए दो दिनों तक विचार मंथन कर अपने अनुभव साझा किए।                            ’हार्नेसिंग द डिजिटल स्पेस, वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन इनिसिएट एण्ड मेडिकल लाईब्रेरियन्स विषय पर आधारित इस तृतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर राज्य के स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि एम्स ऋषिकेश राज्य में स्थित सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान है और इसका लाभ समूचे राज्य के मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराने हेतु योजना तैयार की जा रही है। योजना के तहत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों को एम्स के केन्द्रीय पुस्तकालय से सम्बद्ध किया जाएगा। यह योजना लागू हो जाने पर राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे मेडिकल के छात्र-छात्राएं एम्स की चिकित्सा शिक्षा से लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2023 से देश के सभी एम्स में स्थित पुस्तकालयों का आधुनिकीकरण करते हुए वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन योजना लागू की जा रही है। इस योजना से सभी एम्स के पुस्तकालय एक साथ जुड़ जाएंगे और मेडिकल की पढ़ाई करने वाला कोई भी छात्र घर बैठे ई-पुस्तकालय से अध्ययन कर सकता है। देशभर के विभिन्न संस्थानों से आए पुस्तकालयाध्यक्षों से उन्होंने कहा कि देश में 5 जी इन्टरनेट सुविधा के शुरू हो जाने पर ई-पुस्तकालय की मांग बढ़ जाएगी और विद्वान लेखकों द्वारा लिखित बेहतर पुस्तकों का डिजिटाईलेशन करने के लिए सभी को मिलकर चरणबद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। डॉ. धन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां सर्वाधिक 51 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने मेडिकल लाईब्रेरियन प्रोफेशन को और बेहतर बनाने पर प्रकाश डाला और कहा कि मरीजों की बेहतर देखभाल और उनके बेहतर इलाज के लिए एविडेंस बेस्ड मेडिसिन प्रणाली ही कारगर है।              वन नेशन, वन सब्क्रिप्शन योजना को लाभकारी योजना बताते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के लागू हो जाने से राज्य के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी सीधा लाभ मिलने लगेगा।
सम्मेलन को स्वामीराम हिमालयन यूनिवर्सिटी, देहरादून के डॉ. योगेन्द्र सिंह, प्रिंसिपल ऑफ साइंटिफिक एडवाइजर भारत सरकार श्रीमती राम्या हरीदासन, अपर महानिदेशक मेडिकल लाईब्रेरी दिल्ली प्रो. बी. श्रीनिवास, फेडरेशन ऑफ हेल्थ साइंस लाईब्रेरियन एसोसिएशन डॉ. पीआर मीणा सहित कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।  इस दौरान राज्य के स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने पुस्तकालय क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले विभिन्न संस्थानों के पुस्तकालयाध्यक्षों को भी पुरस्कृत किया।
आयोजन सचिव और एम्स ऋषिकेश के सीनियर लाईब्रेरियन संदीप कुमार सिंह के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश की डीन रिसर्च प्रो. वर्तिका सक्सैना, वाईस डीन डॉ. मनीषा नैथानी, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अंशुमन दरबारी, डॉ. रश्मि मल्होत्रा, वित्तीय  सलाहकार ले.कर्नल डब्लू.एस. सिद्धार्थ, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शशिकान्त, प्रशासनिक अधिकारी गौरव बडोला सहित विभिन्न प्रकाशन समूह के प्रतिनिधि शामिल थे।

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