देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक प्रकरण मामला अब धीरे-धीरे गर्म आता जा रहा है 30 लोगों की गिरफ्तारी के बाद लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं कई सफेदपोश के भी नाम सामने आ रहे हैं ऐसे में सरकार पर भी विपक्ष दबाव बना रहा है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पूरे प्रकरण की जांच को सीबीआई को सौंप सकते हैं या सरकार हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने के विकल्प पर भी विचार कर सकती हैं।
सरकार नहीं चाहती कि इस प्रकरण से उसकी छवि पर आंच आए।उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा कराई गई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद से ही मुख्यमंत्री धामी इस पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने शुरुआत में ही इसकी जांच एसटीएफ से कराने का निर्णय लिया।
एसटीएफ की जांच काफी तेजी से आगे भी बढ़ रही है। एसटीएफ इस प्रकरण में अभी तक 31 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस प्रकरण की जांच में पकड़े गए आरोपितों के तार अन्य परीक्षाओं से भी जुड़ रहे हैं। इससे इस प्रकरण का दायरा बढ़ रहा है।उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री स्वयं इस संबंध में शासन, पुलिस और एसटीएफ के अधिकारियों से लगातार फीडबैक ले रहे हैं। इस क्रम में इस प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए वह उच्च अधिकारियों के साथ मंथन भी कर चुके हैं।