उत्तराखंड

शिक्षक सचिन टम्टा की मौत पर NMOPS प्रदेश कार्यकारिणी ने शोक व्यक्त किया

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) उत्तराखण्ड विगत कई वर्षो से, 01 अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिये जाने के लिए लगातार आन्दोलनरत है। जिसके लिए एन०एम०ओ०पी०एस० उत्तराखण्ड के द्वारा सभी मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर कई बार रैली एवं विभिन्न अन्य कार्यक्रम आयोजित करता आ रहा है।

भारत सरकार द्वारा 01 जनवरी, 2004 से पूर्व नियुक्त ऐसे कार्मिक जिनकी विज्ञप्ति 01 जनवरी, 2004 से पूर्व जारी हो गयी थी, लेकिन विभागीय प्रक्रिया या अन्य किसी कारण से उनकी नियुक्ति 01 जनवरी, 2004 के बाद हुई है। दिनाक 02 मार्च, 2023 को केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे सभी कार्मिकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिये जाने हेतु शासनादेश जारी कर दिया था।

उत्तराखण्ड में 01 अक्टूबर 2005 से पहले विभिन्न विभागों में विज्ञप्ती जारी की गई थी, लेकिन नियुक्ति बाद में दी गई है। आज उत्तराखण्ड सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस सन्दर्भ में बैठक आयोजित की गई। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन (NMOPS) उत्तराखण्ड, हवालबाग अल्मोडा, एन०एम०ओ०पी०एस० के ब्लॉक अध्यक्ष शिक्षक सचिन टम्टा जी के आकस्मिक निधन पर प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा शोक व्यक्त किया गया।

टम्टा को श्रद्धांजली देते हुए प्रदेश अध्यक्ष जीतमणी पैन्यूली, प्रदेश महामंत्री मुकेश रतूडी, प्रदेश कोषाध्यक्ष शांतनु शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, सूर्य सिंह पंवार, हर्षवर्धन जमलोकी, रूचि पैन्यूली, हेमलता कजालिया, दिशान्त सिंह, पंकज मिश्रा, अशोक पाण्डे, राजीव नयन पाण्डे, बृजेश सिंह, चन्द्रमोहन डोभाल, मयंक बिष्ट, हुकुम सिंह चौहान, रणजीत सिंह रावत, कपिल चौहान, प्रमोद कुमार, सुनील गोसाई, राजेन्द्र रतूड़ी आदि ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की।

प्रदेश अध्यक्ष जीतमणी पैन्यूली ने कहा कि संकट की इस दुखद घड़ी में पूरा संगठन सचिन टम्टा के परिवार के साथ है और जिला प्रशासन द्वारा जहां मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर आपदा की संभावना को देखते हुए विद्यालय में अवकाश घोषित किया जा रहा है, वहीं शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश दिये जा रहें है, जो कि निन्दनीय है।

प्रशासन इस तरह के तानाशाही पूर्ण आदेश जारी करने से पूर्व कर्मचारी शिक्षकों के हितो का ध्यान रखते हुए शिक्षकों को भी विद्यालय में उपस्थित होने में छूट दी जानी चाहिए। पैन्यूली ने सरकार से सचिन टम्टा के परिवार को उनकी आकस्मिक मृत्यु पर यथोचित आर्थिक सहायता दिये जाने की भी मांग की है।

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