सूक्ष्म और लघु उद्योगों को ईपीआर में रजिस्ट्रेशन करवाने की बाध्यता खत्म
उद्यमियों की मेहनत रंग लाई, खुशी की लहर
सूक्ष्म और लघु उद्योगों को ईपीआर में रजिस्ट्रेशन करवाने की बाध्यता खत्म
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
लघु उद्योग भारती की केंद्रीय व प्रांतीय कार्यकारिणी ने केंद्र से किया था अनुरोध
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दो दिसंबर 2022 को 1700 ईकाइयों की एनओसी रदद करने की जारी की थी सूचना
देहरादून: सूक्ष्म और लघु उद्योगों को ईपीआर (विस्तार उत्पाद उत्तरदायित्व) में रजिस्ट्रेशन करवाने की बाध्यता पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने खत्म कर दी है। केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी करने पर लघु उद्योग भारती की प्रदेश कार्यकारिणी ने इस पर खुशी जताते हुए केंद्र सरकार और संगठन की केंद्रीय कार्यकारिणी का आभार जताया है।
लघु उद्योग भारती के प्रांत अध्यक्ष बिजय सिंह तोमर ने कहा कि दो दिसंबर 2022 को उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ईपीआर प्लान जमा न कराने पर प्रदेश की 1724 औद्योगिक ईकाइयों की एनओसी रद कर उत्पादन बंदी का नोटिस जारी कर दिया था। इससे परेशान उद्यमियों को निजात दिलाने के लिए लघु उद्योग भारती आगे आई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय से कई दौर की वार्ता की।
27 दिसंबर 2022 को मंत्रालय ने थोड़ी राहत देते हुए प्लास्टिक का दाना तैयार कर पॉलीथिन बनाने वाले उद्यमियों को ही ईपीआर में रजिस्ट्रेशन करने का आदेश जारी किया। लेकिन, उत्तराखंड के उद्यमियों के लिए यह राहत काफी नहीं थी। यहां अधिकतर औद्योगिक ईकाइयां छोटी हैं। जिनमें सैकड़ों युवा काम करते हैं। प्रदेश के युवाओं का रोजगार बना रहे इसके लिए दोबारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय से वार्ता की।
केंद्र सरकार ने सकारात्मक आश्वासन दिया। आखिर 16 अक्तूबर 2023 को मंत्रालय ने सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को ईपीआर में रजिस्ट्रेशन करवाने की बाध्यता खत्म कर अधिसूचना जारी कर दी है। प्रांत महामंत्री राजीव गोयल ने इसके लिए लघु उद्योग भारती की केंद्रीय कार्यकारिणी और केंद्र सरकार का आभार जताया।