
देहरदून। पुष्कर सिंह धामी भले ही सीएम हैं लेकिन अभी वह विधानसभा के सदस्या नहीं हैं। उन्हें छ: माह के अंदर सदन का सदस्या निर्वाचित होना जरूरी है। धामी के लिये चंपावत के गहतोड़ी और पूर्व मंत्री बंशीधर भगत सीट छोड़ने के लिये तैयार हैं, धामी को सीएम मनोनीत करने से पहले पार्टी के केंद्रिय नेतृत्व ने बंशीधर भगत से लंबी मंत्रणा भी की, माना जा रहा है कि भगत को सीट छोड़ने के लिये तैयार किया जा सकता है उनकी आयु को देखते हुए उन्हें राज्यसभा की खाली हो रही सीट पर चुनाव लड़ाया जा सकता है भाजपा के पास बहुमत होने से वह आसानी से जीत भी जाऐंगे। उत्तराखंड की कमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भले ही मिल चुकी हो लेकिन अगले 6 महीने के भीतर पुष्कर सिंह धामी को चुनाव जीत कर आना है। इसके लिए पुष्कर सिंह धामी को किसी विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतना जरूरी है। लेकिन उत्तराखंड के सियासी गलियारों में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि आखिरकार पुष्कर सिंह धामी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे तो लड़ेंगे किस विधानसभा सीट से। लेकिन इस बीच चंपावत पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने चंपावत से भाजपा के विधायक कैलाश गहतोड़ी बकायदा जनसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने की बात कही है। कैलाश गहतोड़ी का कहना है कि वह दिल से चाहते हैं कि पुष्कर सिंह धामी चंपावत का प्रतिनिधित्व करें और चंपावत को विकास के नए आयाम पर पहुंचाएं। उनका कहना है कि 6 महीने में ही खटीमा में सीएम रहते पुष्कर सिंह धामी ने बेहतर काम किया यहां तक कि जो काम वह 5 सालों में नहीं करा पाए पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनते ही वह काम 6 महीने में पूरे हो गए। प्रदेश में करिश्माई काम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में 6 महीने में हुआ। पुष्कर सिंह धामी चंपावत के बारे में भली-भांति वाकिफ हैं और कई सुझाव वह विकास के लिए उन्हें देते हैं। इसलिए वह चाहते हैं कि यदि पुष्कर सिंह धामी चम्पावत से चुनाव लड़ते हैं तो यह उनके लिए भी अच्छा होगा और चंपावत की जनता के लिए भी क्योंकि विकास के नए आयाम चंपावत विधानसभा में देखने को मिलेंगे। इसलिए कल पहले नवरात्रि के अवसर पर को मिलेंगे। इसलिए कल पहले नवरात्रि के अवसर पर जब वह मुख्यमंत्री के साथ पूर्णागिरि मंदिर के दर्शन करेंगे तो तब भी वह पूर्णागिरी मंदिर में यही प्रार्थना करेंगे कि पुष्कर सिंह धामी चंपावत से ही चुनाव लड़े।