उत्तराखंड

वरिष्ठ शायर सागर होशियारपुरी का इंतिक़ाल

प्रयागराज। नगर के वरिष्ठ शायर प्रेमसागर बहल उर्फ़ सागर होशियारपुरी का बुधवार की सुबह निधन हो गया। उनका इलाज कमला नेहरु अस्पताल में चल रहा था। बुधवार की दोपहर में ही रसूलाघाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके पुत्र मोहित बहल ने मुखाग्नि दी। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पु़ित्रयां हैं।
सागर होशियारपुरी का जन्म 25 सितंबर 1937 को हैदराबाद (सिंध, पाकिस्तान) में हुआ था। बाद में इनका परिवार पंजाब के होशियारपुर में आ गया था। प्रयागराज स्थित रक्षा लेख प्रधान नियंत्रक (पेंशन) कार्यालय में नियुक्ति होने पर यहीं आ गए, और यहीं के होकर रह गए। उनकी ‘खुश्बू का चिराग़’ नामक ग़ज़ल प्रकाशित हुई थी। ‘सदी के मशहूर ग़ज़लकार’, ‘इन्द्रधनुष’, ‘संकाश’, ‘प्रयाग के जीवंत कवि’, ‘काव्य चेतना’, ‘अब तक’ आदि संकलनों में इनकी ग़ज़लें शामिल की गई हैं। साहित्यिक संस्था ‘गुफ़्तगू’ की तरफ से 20 दिसंबर 2020 को उन्हें ‘बेकल उत्साही अवार्ड’ से नवाजा गया था । इसके भी अलावा कई संस्थाओं ने इन्हें सम्मानित किया था।
गुफ़्तगू के अध्यक्ष डॉ. इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी, नरेश कुमार महरानी, मनमोहन सिंह ‘तन्हा’, शैलेंद्र जय, अनिल मानव, हकीम रेशादुल इस्लाम, प्रभाशंकर शर्मा, आसिफ़ उस्मानी, नीना मोहन श्रीवास्तव, शिवाजी यादव, अशोक श्रीवास्तव ‘कुमुद’, अर्चना जायसवाल ‘सरताज’, अफ़सर जमाल, दयाशंकर प्रसाद, मधुबाला गौतम, मंजुलता नागेश और हरीश कुमार वर्मा इनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

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