ऋषिकेश(उत्तराखंड)। राज्य निर्माण आंदोलन में भाग लेने वाले अनेंक चेहरे उदास हैं।मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद उन्हें आशंका है कि यदि सरकार ने समय रहते मानकों में शिथलिकरण नहीं किया तो उन्हे राज्य आंदोलनकारी घोषित नहीं किया जाएगा।
गोपाल कुटी में हुई उत्तराखंड राज्य आंदोलन कारियों की बैठक में वक्ताओं ने एक स्वर से सरकार से मांग की कि जो आंदोलनकारी जेल नहीं गए और घायल नहीं हुए उनके चिहनीकरण के लिए मानकों में शिथिलता कियाजाए। चयनित हो चुके पांच राज्यआंदोलन कारियो की पुष्टि
के बाद उन्हें भी उत्तराखंड आंदोलन कारियो की श्रेणी में शामिल करे। जिला समिति के सदस्यों को आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण का अधिकार मिलना चाहिए और जिला स्तरीय कमेटी में उसको स्वीकार होना चाहिए ।
इस संबंध में सरकार प्रशासन से राज्य में संगठन वार्ता भी करेंगे। बैठक में वेदप्रकाश शर्मा,बलवीर सिंह नेगी, गुलाब सिंह रावत, गंभीर मेवाड़, विक्रम भंडारी,श्रीमती कुसुम लता शर्मा,ओम रतूड़ी, अनिता तिवारी, बीना बहुगुणा, दयाराम रतूड़ी, आशुतोष डंगवाल, रुकम पोखरियाल, राकेश सेमवाल,उर्मिला डबराल, पूर्णा राणा, सरोज थपलियाल, महेंद्र बिष्ट, उमेश कंडवाल, कमला रौतेला, पुष्पा रावत, पूर्व पालिका अध्यक्ष वीरेंद्र शर्मा आदि लोग उत्तराखंड आंदोलनकारी उपस्थित थे।
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