स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन में टीएमयू का फिर डंका

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन- एसआईएच- 2025 की सॉफ्टवेयर श्रेणी में तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की टीम- सोलर मास्टर्स ने स्वदेशी फॉर आत्मनिर्भर भारत में रिन्युएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी प्रॉब्लम पर लगातार 36 घंटे में तीन मेंटरिंग सेशन और तीन इवेल्यूएशन सेशन में मनवाया प्रतिभा का लोहा, विजेता टीम डेढ़ लाख रूपए के चेक से सम्मानित, एसआईएच- 2020 में भी टीएमयू टेकहैकर्स की टीम एयरपोर्ट को अथॉरिटी ऑफ इंडिया और टेक्नोहैकर ने कृषि मंत्रालय, बिहार की प्रॉब्लम स्टेटमेंट के लिए एक-एक लाख रूपये विजेता पुरस्कार राशि की थी अर्जित
साल 2025 जाते- जाते तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की झोली एक और अविस्मरणीय पुरस्कार से सुशोभित कर गया। टीएमयू के कॉलेज ऑफ कम्प्यूटिंग साइंसेज़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी- सीसीएसआईटी और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग- सीओई की साझा टीम स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन- एसआईएच- 2025 की सॉफ्टवेयर श्रेणी में विजेता रही है। एआईसीटीई की नोडल अधिकारी डॉ. श्रुति भार्गव चौबे ने विजेता टीम को डेढ़ लाख रूपए का चेक देकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है, एचआईएच- 2020 में भी टीएमयू की टेकहैकर्स और टेक्नोहैकर टीमें विजेता रही हैं। टेकहैकर्स की टीम एयरपोर्ट को अथॉरिटी ऑफ इंडिया की प्रॉब्लम स्टेटमेंट और दूसरी टीम टेक्नोहैकर ने कृषि मंत्रालय, बिहार सरकार की प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर काम किया था। दोनों विजेता टीमों ने एक-एक लाख रूपये विजेता पुरस्कार राशि भी अर्जित की थी। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन और एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन ने इस मेधावी टीम के संग-संग कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डीन प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी को हार्दिक बधाई देते हुए कहा, हमें सीसीएसआईटी और सीओई के स्टुडेंट्स पर नाज़ है। उन्होंने विजेता टीम को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। इस टीम के मेंटर्स- सीओई के श्री प्रशान्त कुमार और सीसीएसआईटी की डॉ. प्रीति रानी हैं।
विजेता टीम में सीसीएसआईटी के स्टुडेंट्स- रजत विश्नोई बतौर टीम लीडर, युवराज विश्नोई, सादगी कुमारी, संदीप शर्मा, रूपेश कुमारी एवम् सीओई की स्टुडेंट रिया जैन शामिल रहे हैं। टीएमयू की इस टीम ने स्वदेशी फॉर आत्मनिर्भर भारत में रिन्युएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी प्रॉब्लम पर लगातार 36 घंटे में तीन मेंटरिंग सेशन और तीन इवेल्यूएशन सेशन में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। सोलर मास्टर्स टीम ने मेटाहेरिस्टिक-आधारित डुअल एक्सेस सोलर ट्रेकर सौर पैनल प्रणाली विकसित की है। इसके जरिए सौलर पैनल को सूर्य की दिशा के अनुसार घुमाया जा सकेगा, ताकि पैनलों पर असमान रूप से छाया पड़ने पर भी अधिकतम विद्युत प्राप्त की जा सके। इसकी व्यावहारिकता को और बढ़ाने के लिए टीम ने एक वेब-आधारित निगरानी और प्रबंधन मंच भी विकसित किया है। इसके जरिए उपयोगकर्ताओं को छायांकन प्रभावों का निरीक्षण करने, ऊर्जा प्रदर्शन को ट्रैक करने और पैनल पुनर्संरचना को दूरस्थ रूप से नियंत्रित करने की सुविधा भी होगी। आंध्रप्रदेश के ओंगल में आयोजित एसआईएच ग्रैंड फिनाले में टीएमयू के स्टुडेंट्स की टीम- सोलर मास्टर्स ने 04 टीम को मात देकर यह गौरवशाली उपलब्धि हासिल की है।
उल्लेखनीय है, सॉफ्टवेयर श्रेणी में स्वदेशी फॉर आत्मनिर्भर भारत में रिन्युएबल एंड सस्टेनेबल एनर्जी प्रॉब्लम पर देशभर से करीब 500 टीमों ने प्रतिभाग किया, लेकिन ग्रैंड फिलाने में टीएमयू समेत केवल 05 टीमें ही अपनी जगह बना सकीं। एसआईएच मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन, एआईसीटीई और मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन इन्नोवेशन सेल की एक संयुक्त राष्ट्रीय पहल है। इसका उद्देश्य दैनिक जीवन की समस्याओं का नवाचार के जरिए समाधान करना है। टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन, डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने भी विजेता टीम को हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।




