उत्तराखंड

उत्तरांचल उत्थान परिषद के केन्द्रीय कार्यालय देहरादून में मनाई गई प्रख्यात समाजसेवी स्व० डा० नित्यानंद की जयंती

देहरादून 09 फरवरी – उत्तरांचल उत्थान परिषद के प्रान्तीय कार्यालय ‘सेवा निकेतन’ देहरादून में संस्था के संस्थापक, प्रख्यात भूगोलवेत्ता एवं समाज सेवी स्वर्गीय डा० नित्यानंद की जयंती मनाई गई। अलकनंदा इनक्लेव जोगीवाला रिंग रोड देहरादून स्थित ‘सेवा निकेतन’ भवन सभागार में स्व० जन्म दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री जयमल सिंह नेगी एवं कार्यक्रम का संचालन परिषद के मंत्री श्री यशोदा नन्द‌ कोठियाल ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता दून विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डीडी चौनियाल तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक प्रमुख श्री नारायण जी, उत्थान परिषद से जुड़े विभिन्न समाजसेवी एवं परिषद के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में कार्यक्रम के अध्यक्ष जयमल सिंह नेगी, विशिष्ट अतिथि प्रो० डीडी चौनियाल एवं प्रचारक प्रमुख श्री नारायण जी के द्वारा उत्थान परिषद के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर स्व० डा० नित्यानंद जी का भावपूर्ण स्मरण एवं उनकी तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया गया।

डा० नित्यानंद जन्म दिवस कार्यक्रम के संचालक श्री यशोदानंद कोठियाल ने कार्यक्रम में उपस्थित कार्यक्रम अध्यक्ष उत्थान परिषद के पूर्व अध्यक्ष जयमल सिंह नेगी, विशिष्ट अतिथि प्रान्त प्रचारक प्रमुख निर्धारण जी, प्रोफेसर डीडी चौनियाल एवं अन्य सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का स्वागत किया गया। श्री यशोदानंद कोठियाल जी ने संक्षेप में स्व० नित्यानंद जीवन परिचय एवं हमेशा आपदा के जद में उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र एवं यहां के निवासियों की समस्याओं के प्रति उनकी सहानुभूति एवं उनके द्वारा जनपद उत्तरकाशी एवं जनपद टिहरी के आपदाओं के दौरान किए गये कार्यों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रचारक प्रमुख नारायण जी ने अपने संबोधन में स्व० डा० नित्यानंद के जीवन काल में उनके सानिध्य एवं समाज सेवा को याद कर बताया कि स्व० डा० कठोर अनुशासन पसंद करते थे। तत्कालीन उत्तर प्रदेश का पर्वतीय क्षेत्र एवं वर्तमान उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र की विषम भौगौलिक परिस्थितियों एवं यहां के निवासियों की दैनिक जीवन की कठिनाइयों को आपदाग्रस्त पर्वतीय में प्रवास कर नजदीक से देखा और समझा। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को डा० नित्यानंद के जीवन से समाज सेवा की प्रेरणा लेकर समाजसेवा के कार्यों में योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता प्रोफेसर डीडी चौनियल ने अपने संबोधन‌ में डा० नित्यानंद जी के व्यक्तित्व, जीवन दर्शन, शिक्षा एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि वर्तमान उत्तराखंड के विकास एवं विकास में यहां के लोगों की भागीदारी पर डा० नित्यानंद जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम में परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्री जयमल सिंह नेगी, सामाजिक कार्यकर्ता नरेश चन्द्र कुलाश्री एवं श्री मनोज बिष्ट ने भी संबोदन में प्रतिभाग कर अपने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में जंगली जानवरों से मानव एवं पालतू पशुधन को जान-माल के ख़तरों एवं खेती को भारी नुक्सान एवं छात्र संख्या कम होने पर स्कूल बंद करने को के निर्णय को पलायन बढ़ाने का मुख्य कारण बताया एवं इस पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने हेतु सरकार को कारगर योजना पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के संचालक यशोदा नन्द कोठियाल ने प्रसिद्ध समाजसेवी डा० नित्यानंद के जन्म दिवस कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, समाजसेवी एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त कर उन्हें धन्यवाद दिया

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