उत्तराखंडसामाजिक

गढ़वाली मिठाई अरसे की बढ़ रही मांग

देहरादून अरसे उत्तराखंड के स्वरोजगार का एक उत्पन्न कर सकता है गढ़वाल की हर धार्मिक कार्यक्रमों में शादी विवाह के अवसर पर गांव-गांव में यह सैकड़ों सालों से बनाया जाता है चावल गुड़ तील से बनाया जाता है उत्तरकाशी नगर में सामाजिक कार्यकर्ता अजय प्रकाश बड़ोला ने बताया कि उत्तराखंड के अरसे का विशेष महत्व है पहाड़ों में जब लड़कियां अपने मायके आती है

तो उन्हें गांव से उनके मां बाप मिठाई के तौर पर और अरसे देते हैं जो काफी समय तक खराब भी नहीं होते हैं वह इसके बहुत से पोस्टिक गुण भी है स्वयं सहायता समूह की बहनों के द्वारा इसके माध्यम से एक बहुत बड़ा स्वरोजगार उत्पन्न किया जा सकता है सरकार को जनप्रतिनिधियों को इसके बढ़ावा के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए उत्तरकाशी नगर में विभिन्न सहायता समूह की माध्यम से भी रोजगार दिया सकता है इस के प्रसार प्रसार के लिए सरकार को भी विशेष अभियान चलाना चाहिए उत्तरकाशी नगर में अजय प्रकाश बड़ोला ने इस को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न दुकान पर सम्पर्क कर के इस को बेचने का प्रयास किया जा रहा है बड़ोला गिफ्ट सेंटर मेन बाजार उत्तरकाशी में यह उपलब्ध है इस से पहले गाय के गोबर से धूपबत्ती बनाने का भी कार्य किया जा चुका है आज विभिन्न लोग गाय के गोबर से स्वरोजगार उत्पन्न कर रहे हैं आने वाले यात्रा काल में भी अरसा एक स्वरोजगार उत्पन्न कर सकता है पहाड़ों में इस के प्रचार प्रसार की आवश्यकता है विभिन्न धार्मिक संगठनों को इस के लिए आगे आने की आवश्यकता है

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