उत्तराखंडराजनीति

विधानसभा में भी हुआ नियुक्तियों का खेल

नेताओ और पत्रकरो पर भी दिखी मेहरबानी

देहरादून। विधानसभा मे नियुक्तियो को लेकर सवाल उठते रहे है। राज्य के पहले विधानसभा अध्यक्ष प्रकाश पत ने विधानसभा में पहली बार अपने कुछ चहेतो को नियुक्त कर यह खेल शुरू किया बाद के वर्षों मे गोविंद सिंह कुंजवाल भी इसे  लेकर चर्चा में आए और यह खेल अब भी चालू है। इसे विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार बताया गया। इन नियुक्तियों में कई पत्रकारों के परिजनों को भी नियुक्त किया गया जिससे यह मामला मीडिया में मुखर होकर नहीं आया। लेकिन अब नियुक्ति  के इस खेल का भी पर्दाफाश होना जरूरी हो गया है, ताकि आम बेरोजगार भी नौकरी की उम्मीद कर सके।इस मामले में न्यूज हाईट ने लीस्ट जारी कर इस ओर ध्यान खीचा है।
उत्तराखंड में भर्ती घोटाले का जमकर शोर है ऐसे में विपक्ष अब विधानसभा में हुई भर्तियों पर भी सवाल खड़े कर रहा है वही जो कागजात भी सामने आएं हैं वो बताते हैं कि कैसे बड़े नेताओं के करीबी नौकरी लग गए वो भी बिना किसी क़ो हवा लगे और इस पुरे मामले का मास्टर माइंड कौन हैं यें भी पता चल पायेगा सूत्र तो यें भी बताते हैं जिस कंपनी ने VDO जैसे भर्ती कराई और भर्ती मे जमकर भ्रष्टाचार सामने आया उसी कम्पनी ने विधानसभा की भी भर्ती परीक्षा कराई ऐसे मे आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कैसी भर्तियां हुई होगी सूत्रों की माने तो यें तमाम भर्ती आचार संहिता के दौरान की गई।कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा द्वारा विधानसभा मे भर्तियों पर सवाल खडे किए जाने के बाद उत्तराखंड की राजनीति मे हड़कंप मच गया हैं बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने जहाँ अपने करीबियों क़ो विधानसभा मे नौकरी दिलवाई वही अब एक लिस्ट भी सामने आ गई हैं जिसको देखकर लगता हैं विधानसभा मे बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जमकर नौकरी का खेल खेला हैं इसमें से कुछ नाम खुद कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने अपने बयान मे बोले जिसमे कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य के PRO, मंत्री सतपाल महाराज के PRO, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के PRO और एक अन्य सहयोगी की पत्नी, बीजेपी संगठन मे बड़े नेता के साथ काम कर चुके एक pro, सरकार मे रसूख रखने वाले कुछ लोगो ने भी अपनी पत्नियों क़ो नौकरी लगा दी इसके अलावा बीजेपी संगठन से जुड़े कुछ नामों के परिजनों क़ो विधानसभा मे नौकरी मिली हैं ।
साफ हैं जहाँ एक तरफ भर्ती घोटाले के हल्ला मचा हुआ हैं वही विधानसभा मे हुई भर्तियों क़ो लेकर कई बड़े सवाल खडे हो रहें हैं वही पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह तो सीधे तौर पर कहते हैं कि उत्तराखंड मे विधानसभा मे राज्य बनने से अभी तक कि तमाम भर्तियों कि जाँच हो जाएगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा उनके अनुसार भर्तियों मे अगर इसी तरह से घोटाले होंगे तो फिर युवा जो रोजगार चाहते हैं उनको हम क्या जवाब देंगे

वही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इशारो इशारो मे विधानसभा मे हुई भर्तियों पर सवाल खडे किए हैं उनके अनुसार मेरी सरकार मे यें फैसला हुआ था की यें तमाम भर्तियां आयोग के माध्यम से की जाएगी जिसके लिए आदेश भी जारी किए थे लेकिन इस बार किस प्रक्रिया से हुए हैं मुझे जानकारी नहीं हैं लेकिन अगर शॉर्टकट से कोई रोजगार पाने की कोशिश कर रहा हैं तो यें गलत हैं और कष्टप्रद है साफ हैं सीएम की सख़्ती के बाद जहाँ भर्तियों की गड़बड़ी पकड़ी जा रही हैं और तमाम भर्तियां निरस्त हो रही हैं वही विधानसभा जो एक सर्वोच्च सदन हैं उसमे हुई भर्तियों पर सवाल खडे उठ रहें हैं तो जाँच तो लाजमी हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button