लंबगांव। महेंद्र सिंह टिकैत के किसान आंदोलन से प्रभावित देवी सिंह पंवार ने उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र में किसान आंदोलन का बिगुल फूंका था तब वह कई दिनों के लिये गिरफ्तार भी हुए । उनके निमंत्रण पर टिकैत उत्तरकाशी आये और देवी सिंह पंवार किसान नेता के रूप में चर्चित हो गये उसके बाद वह अपने मूल जनपद टिहरी चले गये और राज्य आंदोलन समेत कई आंदोलनों में अग्रणी भूमिक मे रहे। भले ही उन्होंने इस दौरान कई दलों की यात्राएं भी की कांग्रेस ने उनके संघर्षों को देखते हुए प्रदेश सचिव भी बनाया। मोजूदा परिस्थितियों से हताश और निराश पंवार ने फिलहाल राजनैतिक दलों से किनारा कर लिया है ,लेकिन उनके भीतर आज भी जनता की बहतरी की आग सुलग रही है। वह कहते हैं कि हताशा और निराशा के इस माहौल में एक बड़े आंदोलन की जरूरत है। आंदोलन का लक्ष्य राजनीति नहीं बल्की जनता की बेहतरी होना चाहिए। इसी लक्ष्य के साथ उन्होंने जनता से सड़कों पर उतरने का आह्वन किया है।
जिला पंचायत सदस्य रहे देवी सिंह पंवार कहते हैं कि कभी जमाना मैं भी आंदोलन की राह पर चलता था डिग्री कॉलेज से लेकर के पिछड़ा क्षेत्र सड़कें तमाम संघर्षों में रहा करते थे क्षेत्र के लोग कहां चले गए संघर्ष सील लोग कहां दब गई प्रताप नगर की आवाज जागो भाई जागो उत्तराखंड के लोगों संघर्ष की राह पर चलो प्रतापनगर को भी जिला बनाओ संघर्ष ही जीवन है संघर्ष करते रहो यह मिट्टी आपको सदा याद करती रहेगी प्रताप नगर में सुन का इंजेक्शन लग गया जगाओ इस धरती को इस मिट्टी का रीण चुकाओऔर अपना जीवन सुनहरा बनाओ इतिहास लिखा है उनका जिन्होंने संघर्ष किया है नाम डूबा है उनका जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है।
पंवार ने कहा कि अब सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। सामाजिक आंदोलनों से ही जनता की बहतरी के रास्ते खुलेंगे। राजनैतिक आंदोलन तो सत्ता प्राप्ती के लिये ही होते हैं। पंवार ने कहा कि टिहरी बांध बनने के बाद प्रतापनगर के पिछड़ेपन को दूर करने के लिये सामुहिक सामाजिक आंदोलन की जरूरत है। इसके लिये उन्होंने खासतौर पर युवाओं और महिलाओं को आगे आने का आह्वान किया है।