उत्तराखंड

द सिक्सटी इयर्स ऑफ मोदी रूल..

चौकिये नही। ये चुनावी फोरकास्ट नही है। फिर भी खुलासा ये है कि आने वाले 60 साल मोदी जी शासन करने वाले हैं।

याने आपकी जिंदगी के साथ भी, और जिंदगी के बाद भी..
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समर्थकों के लिए जश्न की बात है, पर सवाल उन्हें भी होगा कि ऐसा सम्भव कैसे है.. तो जवाब पाने के लिए गणित का एक छोटा सा सवाल।

अगर ब्याज की दर 7.65% हो तो पैसा कितने बरस में दोगुना हो जाएगा।

गणित के गदहे गूगल कर लें। इंटरनेट पर बहुतेरे “इंटरेस्ट कैलकुलेटर” उपलब्ध हैं। हिसाब करने पर समय आएगा लगभग साढ़े आठ साल…

8 साल ये पैसा डबल।
16 साल में पैसा 4 गुना
24 बरस में 8 गुना
32 साल में 16 गुना
40 साल में 32 गुना
48 साल में 64 गुना

तो आज कर्ज लिया गया 100 रुपया, 50 साल बाद 6500 रुपया हो चुका होगा।
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तो इस विधि से आप 100 रुपये लेकर गांजा पी लेंगे। और उसका धुंआ, उसकी 64 गुना कीमत आने वाली 3 पीढ़ी के फेफड़ों भर जायेगा।

सरकार 50 साल के बांड पर कर्ज ले रही है। अगर एक लाख करोड़ जुटाएगी, तो देश 64 लाख करोड़ भरेगा।

फ्यूचर में सरकार किसी की भी आये, पर इस दौर की क़ीमत, आपकी सनक का भुगतान, अगले 50 साल किया जाता रहेगा।
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कर्ज लेने का मतलब, भविष्य की आय को आज खर्च करना होता है। कोई भी सरकार राष्ट्रीय कर्ज, हमसे लिए टैक्स से भरती है। अमूमन ये कर्ज 8 से 15 साल तक के लिए, उठाये जाते हैं।

50 साल तो विश्व रिकार्ड होगा। जो वोटर अभी पैदा नही हुए, जो बच्चे अभी गर्भ में नही आये, उनकी होने वाली आय, खर्च की जा रही है।
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कम लोग समझते हैं कि दरअसल सरकार एक बिजनेस चलाने जैसा है। पूरा देश एक प्रोडक्टिव यूनिट है। आपको प्रोडक्शन करना है, माल बेचना है, सैलरी देनी है। मुनाफे से घर मकान, टीवी फ्रिज लेना है, याने जिंदगी बेहतर करनी है।

लेकिन आपकी कम्पनी का चेयरमैन, भगवा पहन मंदिरों में डोलता रहे। कामगारों में झगड़ा झंझट करवाता रहे। अडोस पड़ोस में नाक और गर्व की लड़ाई लड़ता रहे, उन्हें सबक सिखाने मनसूबे बताता रहे।

और कर्मचारी उसके कपड़े, शेर जैसी चाल, गुर्रमगुर्री से मुग्ध होकर ही सेंगोल थमाता रहे, तो सारे कर्मचारियों का भिखारी बनना लाज़िम है। उनके होने वाले बच्चों का भी।
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बहरहाल राष्ट्रीय कर्ज, 10 सालों में 5 गुना हो चुका है। इकॉनमिस्ट परेशान है।

जनता नही।

वह विश्वगुरु का फील ले रही है। व्हाट्सप बता रही है कि फॉरेन रिजर्ब तो 3 गुना हो गया है।

नेता बेधड़क कर्ज पे कर्ज ले रहा है। पीढियां गिरवी रख रहा है, और जनता पप्पू-पनौती की बहस और मनोरंजन में मशगूल है।
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बहरहाल, चुनावी आईपीएल में अपनी टीम के जीतने का जश्न मनाइए, मौज कीजिए। इस मजे का 64 गुना आपके नाती पोतों की अंतड़ियां फाड़कर वसूला जाना है।

मोदी जी प्रधानसेवक रहें या न रहे, आप उन्हें टैक्स देते रहेंगे। इट ईज टाईम टू सेलिब्रेट ..

60 इयर्स ऑफ मोदी रूल !!

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