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बारिश और आपदा से पर्यटन ध्वस्त, होटलों में सन्नाटा, कारोबारियों की हालत बिगड़ी

देहरादून/पौड़ी/टिहरी/मसूरी। प्रदेश में पिछले तीन महीनों से लगातार हो रही भारी बारिश और आपदा ने पर्यटन व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। देहरादून, पौड़ी, टिहरी, मसूरी, कानाताल, नई टिहरी और चकराता जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों के होटलों में बुकिंग घटकर न्यूनतम स्तर पर पहुँच गई है। इससे होटल व्यवसायियों, टैक्सी संचालकों, दिहाड़ी मजदूरों और रिक्शा चलाने वाले लोगों की रोजी-रोटी पर गहरा संकट आ गया है।

होटलों में बुकिंग घटकर दो-तीन कमरे रह गईं

होटल विष्णु पैलेस के एमडी रामकुमार गोयल ने बताया कि उनके 45 कमरों वाले होटल में जुलाई से बुकिंग घटने लगी थी और अब मात्र दो-तीन कमरे ही बुक हैं। कर्मचारियों को वेतन देना कठिन हो गया है। होटल रमाडा के जीएम हर्षमणी सेमवाल ने कहा कि 73 कमरों में से सिर्फ 9-10 कमरे ही बुक हैं। पिछले साल सितंबर में 70–80 फीसदी तक बुकिंग थी, जबकि इस बार 40 फीसदी भी नहीं। कई पर्यटक अपनी बुकिंग रद्द कर चुके हैं।

होटल श्रृंगार के रमेश सेमवाल और होटल सवाई के मैनेजर गौरव बाली ने भी बुकिंग में गिरावट की पुष्टि की। गौरव बाली ने बताया कि उनके 80 कमरों में से महज 10-12 कमरे ही बुक हैं।

टिहरी और खिर्सू में भी बुरा हाल

कानाताल और नई टिहरी में होटल बुकिंग पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है। पौड़ी जिले के खिर्सू में भी पर्यटकों की संख्या घटकर दो हजार के आसपास रह गई है। जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में पिछले साल तीन हजार पर्यटक आए थे। संचालकों को उम्मीद है कि यदि मौसम साफ रहा तो सितंबर के मध्य के बाद स्थिति में सुधार हो सकता है।

टैक्सी और मजदूरों पर असर

टैक्सी संचालक सुरेश भट्ट और मुकेश खरोला ने बताया कि बुकिंग न मिलने से बैंक किस्त चुकाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने सरकार से रोड टैक्स माफ करने की मांग की है।

मजदूर संघ अध्यक्ष रणजीत चौहान ने कहा कि मसूरी में पर्यटकों की आमद घटने से रिक्शा संचालकों को दिनभर सवारी नहीं मिल रही है। कई रिक्शा चालक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।

व्यापार ठप, सरकार को भी नुकसान

मसूरी व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि लगातार बारिश और आपदा से व्यापार पर गहरा असर पड़ा है। सुबह से शाम तक दुकानदार खाली बैठे हैं। उपहार रेस्टोरेंट के संचालक नीरज ने बताया कि 2013 की आपदा के बाद इस बार सितंबर माह में स्थिति बेहद खराब है, स्टाफ की तनख्वाह तक नहीं निकल रही।

चकराता में भी सन्नाटा पसरा है। सड़कों के बंद होने और बारिश के चलते पर्यटक आने से कतरा रहे हैं।

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