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प्रथम विश्व युद्ध में वीरगति को प्राप्त, शहीद धूरत सिंह सज्वाण को आज उनके पैतृक गांव गुल्टी में जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनके परिवार जनों के द्वारा आज उनकी जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए तथा विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मैं गुल्डी ग्रामवासियों का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने इस महापर्व पर एक छोटे साहित्यकार को भी आमंत्रित किया और अवसर प्रदान किया।
टिहरी गढ़वाल के चंबा प्रखंड में सांस्कृतिक गांव- गुल्डी का भी नाम है। समय-समय पर इस गांव में अनेकों वीर योद्धा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षाविद् और प्रशासनिक अधिकारी हुए हैं। यह क्रम अविरल गतिमान है। साथ ही चंबा प्रखंड में जो आदर और सम्मान इस गांव में प्राप्त होता है, वह भी अनुकरणीय है।
आज शहीद धूरत सिंह सज्वाण की जयंती के अवसर पर नगर पालिका परिषद चंबा, विभिन्न गांवों से जनप्रतिनिधि, गुल्डी गांव के ग्रामवासी, दूरदराज से आए सज्वाण बंधु, जनप्रतिनिधि, राजनेता उपस्थित थे और यह पराक्रमी सैनिक को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
धूरत सिंह सज्वाण फ्रांस के वेषाण्ट मोर्चे पर शहीद हुए थे और उनके परिवार जन उनकी सौंवी हुई पुण्यतिथि पर उनके कुछ महत्वपूर्ण वीरता प्रतीक,ऐतिहासिक तथ्य
हिंदुस्तान लाये और पैतृक गांव में स्थापित किये। इसके साथ ही शहीद के परिवारजन और ग्रामवासी हर वर्ष उनकी स्मृति में श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ या कोई न कोई धार्मिक अनुष्ठान करते आए हैं।
इसी क्रम में आज भी श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा हुआ था। पूर्व मान. कैबिनेट मंत्री श्री दिनेश धनै, माननीय विधायक किशोर उपाध्याय, नगर पालिका अध्यक्ष सुमन रमोला, जेष्ठ प्रमुख संजय मैठाणी, क्षेत्र पंचायत सदस्य राजवीर सज्वाण, विनोद सज्वाण,जि. पं सदस्य इल्मा सज्वाण,ग्राम प्रधान परमजीत सिंह सज्वाण, अनिल सिंह सज्वाण, सभासद शक्ति जोशी, दर्मियान सिंह सज्वाण, दर्मियान सिंह नेगी, जगमोहन सिंह सज्वाण, सोहनवीर सिंह सज्वाण, सोबन सिंह सज्वान, दिग्विजय सिंह सज्वाण, मनवीर सिंह सज्वाण, बचन सिंह सज्वाण आदि सैकड़ों लोग इस मौके पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुझे कविता वाचन का अवसर मिला झजो कि वीर शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि के रूप में निम्नवत है। कविता का शीर्षक है-
कविता का शीर्षक ” सलाम”
वीरगति को प्राप्त हुए जो उन वीरों को शत-शत सलाम/ देश के खातिर कुर्बान हुए जो,उन वीरों को सहस्त्र बार सलाम।
वीरभूमि चंबा गुल्डी के,शहीद धूरत सिंह सज्वाण सलाम/ प्रथम विश्वयुद्ध महा सेनानी तुम को कोटि-कोटि सलाम।
वीर भगत भड़ घड़ियाल उपासक, सज्वाण वंश तुम्हें सलाम/
प्रथम विश्व युद्ध के अमर सेनानी, नाम तुम्हारा वीर महान।
नत्थू सिंह सज्वाण सेनापति, नाम तुम्हारा त्रिहरि शान/ वीर शहीद धूम सिंह सज्वाण को जय हिंद और सलाम।
घंटाकरण महाराज घंटाकर्ण देवता, तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम/
डांडा घंडियाल लोस्तू बडियार देवता,धद्धी घड़ियाल तुम्हें सलाम।
महाबली कुल ग्रामदेवता, गुल्ड़ी गांव का तुम्हें प्रणाम।
हे! सिद्ध पीठ ग्राम ईष्ट देवता,जन जन का है तुम्हें प्रणाम।
कवि द्वार स्मारक आज खड़ा है, नमन वीर का करने को/
महावीर शहीद धूरत सिंह सज्वाण ग्राम में, पुष्पांजलि अर्पित करने को।
एक नहीं सौ बार तुम्हारे स्मारक पर आऊंगा/
वीर शहीद पराक्रमी ‘सिंह’ को,श्रद्धा से शीश नवाऊंगा।
नाम तुम्हारा अमर सदा है, युग- युग तक अमर रहेगा/ वीर शहीद स्मारक पर सदा दीपक अखंड जलेगा।
जब तक या संसार रहेगा, युग गाथा वीर कहेगा/
नश्वर प्राणी कवि निशांत भी, वीरों की कथा रचेगा।
वीरगति को प्राप्त हुए जो, उन वीरों को शत-शत सलाम/
देश के खातिर कुर्बान हुए जो, उन वीरों को कोटि-कोटि सलाम।
कवि: सोमवारी लाल सकलानी ‘निशांत’