उपपा ने किया फैसले का स्वागत, कहा लड़ाई ज़ारी रहेगी

अल्मोड़ा उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्लीजेंट वैली फाउंडेशन (डांडा कांडा हवलबाग) की सभी परिसंपत्तियां सरकार के पक्ष में ज़ब्त करने के उप जिला अधिकारी अल्मोड़ा के निर्णय का स्वागत किया है। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उनकी पार्टी लगभग पिछले डेढ़ दशक से नागरिकों के सहयोग से इस संस्था की मनमानियों के खिलाफ मुखर रही है।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने यहां जारी बयान में कहा उनकी पार्टी ने 8 सितंबर 2010 को तत्कालीन जिलाधिकारी अल्मोड़ा को प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के गैर कानूनी रूप से जमीनों पर कब्जा करने की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी जिसके बाद जिलाधिकारी अल्मोड़ा ने अपर जिलाधिकारी श्री राजीव साह की अध्यक्षता में प्रभागीय वन अधिकारी अल्मोड़ा, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग अल्मोड़ा, परगना अधिकारी व तहसीलदार अल्मोड़ा की पांच सदस्यीय समिति द्वारा उपपा द्वारा लगाए गए आरोपों की गहराई से जांच की। इस समिति द्वारा 12 दिसंबर 2011 को दी गई अपनी जांच रिपोर्ट में प्लीजेंट वैली पर बड़े पैमाने पर सरकारी सार्वजनिक ज़मीनों पर कब्जा कर भवन निर्माण करने, सरकार द्वारा उनको दी गई अनुमति का दुरुपयोग करने का दोषी पाते हुए संस्था की संपत्तियों को नियमानुसार सरकार की पक्ष में ज़ब्त करने की संस्तुति की थी। जांच समिति ने संस्तुति पर संस्था से जुड़ी कुमारी आशा यादव के नाम से मैणी (हवलबाग) में धोखाधड़ी से क्रय की गई 100 नाली जमीन को लेकर भी तहसीलदार अल्मोड़ा ने अल्मोड़ा कोतवाली में आशा यादव व एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ अपराध संख्या 58/2011, धारा 420, 467, 468, 471 भादस का मुकदमा दर्ज किया के साथ उनके द्वारा मैणी गांव में धोखाधड़ी से क्रय की गई 100 नाली जमीन सरकार के पक्ष में जब्त की गई।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जांच समिति तथा अनेक जिला अधिकारियों की संस्तुति, नागरिक समाज के सहयोग तथा पार्टी के निरंतर संघर्ष के बाद इस जमीन को नियमानुसार जब्त करने में 14 वर्ष लग गए। इस दौरान प्लीजेन्ट वैली की आड़ में उत्तराखंड की जमीनों की लूट में लगे प्रभावशाली नौकरशाह ने स्थानीय ग्रामीणों से लेकर उनके खिलाफ उठाने वालों को प्रताड़ित करने और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने में इन माफियाओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
उपपा ने कहा कि इस मामले में विभिन्न स्तरों पर चली न्यायिक प्रक्रिया के दौरान उपपा नेताओं, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ भी तमाम झूठी शिकायतें की गईं किंतु सरकार उनको संरक्षण देने में लगभग असफल रही।
उपपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की जनता को अपनी जमीनों, प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए एकजुट होकर कड़े व लंबे संघर्ष की जरूरत है जिसमें उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।