
देहरादून। उत्तराखंड में इस बार मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) होगा। इसमें मतदाताओं के नाम वर्ष 2003 की सूची से मिलाए जाएंगे। यदि नाम दर्ज नहीं मिला तो मतदाता को निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई। इसमें बताया गया कि संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21 के तहत चुनाव आयोग को एसआईआर का अधिकार है। जनवरी 2026 की अर्हता तिथि को आधार मानकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
चार श्रेणियों में बंटेंगे मतदाता
मतदाताओं को चार श्रेणियों में रखा गया है।
श्रेणी-ए: 2025 की सूची में शामिल 38 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वे मतदाता जिनका नाम 2003 की सूची में भी दर्ज है। सत्यापन के समय केवल एब्सट्रेक्ट देना होगा।
श्रेणी-बी: 38 वर्ष या अधिक उम्र के ऐसे मतदाता जिनका नाम 2003 की सूची में नहीं है। इन्हें 11 दस्तावेजों (पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार, पैन कार्ड, पेंशन दस्तावेज आदि) में से कोई एक देना होगा।
श्रेणी-सी: 20 से 37 वर्ष आयु वर्ग के मतदाता।
श्रेणी-डी: 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के मतदाता। इन दोनों श्रेणियों के मतदाताओं को स्वयं का कोई एक और माता-पिता का एक दस्तावेज देना होगा।
2003 की सूची जारी
कार्यालय ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची जारी कर दी है। मतदाता उसमें अपना नाम देख सकते हैं। यदि कोई असंतुष्ट हो तो 15 दिन के भीतर डीएम के पास अपील कर सकता है। इसके बाद 30 दिन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास दूसरी अपील की जा सकेगी।
11733 बूथ, केवल 2744 बीएलए नियुक्त
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 11,733 पोलिंग बूथ हैं। इनमें हर दल को बीएलए नियुक्त करना है, लेकिन अब तक केवल 2744 की ही नियुक्ति हुई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों से जल्द नियुक्तियां पूरी करने का आह्वान किया।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी किशन सिंह नेगी, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास समेत विभिन्न दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।