नई टिहरी। उत्तराखंड के इनर्जी मैन के रूप में विख्यात पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष इंजीनियर रतन सिंह गुनसोला का आकस्मिक निधन हो गया। वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
सिंचाई विभाग सेबतौर इंजीनियर अपने करियर की शुरूआत करनेवालेरतन सिंह गुनसोला बाद में अधीक्षण अभियंता के पद सेसेवानिवृत्त हुए। उसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर राजनीति का सफर शुरू किया। वह दो बार टिहरी के जिला पंचायतअध्यक्ष रहे। भाजपा ने उन्हें 2002 में टिहरी से विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का टिकट दिया था। तब वह कांग्रेस के किशोर उपाध्याय से चुनाव हार गए थे।
इंजीनियर गुनसोला कहते थे कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम आ सकमती है। इसके लिए पहाड़ों की नदियों पर छोटे-छोटे बांध बनाएजाने चाहिए। इससे जहां उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश बन सकेगा,वहीं लोगों को रोजगार भी मिलसकेगा। पहाड़ों में िबजली पैदा होने से सूबे को भीराजस्व की प्राप्ति हो सकेगी। उन्होंने भिलंगना घाटी में खुद का हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाकर इस दिशा में काम भी किया। कहते थे कि सरकार उत्तराखंड को हाइड्रो प्रोजेक्ट के माध्यमसे ऊर्जा प्रदेश बनासकती है। इसके लिए सरकार को विशषज्ञों से राय मशविरा करनाचाहिए। वह जीवन के आखिरी वर्षों में राजनीति से दूर हो गए थे। कुछ दिनों पहले हीसार्थक प्रयास से बातचीत में गुनसोला हताश दिखे। बोले कि सरकार चाहे जिसकी भी रही हो, उनका चिंतन कभी सूबेको उऊर्जा प्रदेश बनाने का नहीं रहा। कभी भी सरकार ने उनके अनुभवों का लाभ लेने की कोशिश नहीं की।
गुनसोला के निधन पर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष मीरा सकलानी,पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र डंगवाल, मुरारी लाल खंडवाल, देवी सिंहपंवार, भाजपा नेता दिनेश डोभाल, पूर्व प्रमुख विजयगुनेसाला सहित जिल के कई नेताओं ने उनके निधन परशोक जताते हुए कहा कि गुनसोलावास्तविकरूपसे उऊर्जा मैन थे, उन्होंने खुद का हाइड्रो प्रोजक्ट बनाकर सािबत किया कि इच्छा शक्ति होतो कोई भीकाम मुश्श्किल नहीं हैं।